दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया 2023 में हुए शराब घोटाले में फंस गए हैं। इस घोटाले में उन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में अनियमितताएं कीं, जिससे शराब कारोबारियों को फायदा हुआ और सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
सीबीआई जांच और गिरफ्तारी
इस घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है। सीबीआई ने सिसोदिया से कई बार पूछताछ की और 26 फरवरी, 2023 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सिसोदिया को करीब दो महीने तक जेल में रहना पड़ा, जिसके बाद 25 अप्रैल, 2023 को उन्हें जमानत मिल गई।
मनीष सिसोदिया पर आरोप
सीबीआई ने सिसोदिया पर आरोप लगाया है कि उन्होंने दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में लाइसेंस फीस माफ करके, थोक लाइसेंसधारियों को खुदरा लाइसेंस देने की अनुमति देकर और लाइसेंसधारियों को छूट देकर शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया। सीबीआई का आरोप है कि सिसोदिया ने इस नीति को भ्रष्ट तरीके से बनाया और इसमें अनियमितताएं कीं।
मनीष सिसोदिया का बचाव
सिसोदिया ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने दिल्ली में शराब कारोबार को व्यवस्थित करने के लिए नई शराब नीति बनाई थी और इसमें कोई अनियमितता नहीं की गई। सिसोदिया ने यह भी कहा है कि इस नीति से सरकार के राजस्व में वृद्धि हुई है और शराब की कीमतों में भी कमी आई है।
शराब घोटाले का असर
शराब घोटाले ने दिल्ली की राजनीति में भूचाल ला दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस घोटाले के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (आप) को घेर रही है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी से साबित होता है कि आप सरकार भ्रष्ट है।
आप ने इस घोटाले के आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि यह भाजपा की साजिश है। आप ने आरोप लगाया है कि भाजपा जानबूझकर सिसोदिया को फंसा रही है क्योंकि वह दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं।
वर्तमान स्थिति
मनीष सिसोदिया ने उनपर लगाए सभी आरोपों का विरोध किया है और इन आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है कि उन्होंने दिल्ली में शराब कारोबार को व्यवस्थित करने के लिए नई शराब नीति बनाई थी और इसमें कोई अनियमितता नहीं की गई।
मनीष सिसोदिया के वकील ने सीबीआई के आरोपों को खारिज किया और कहा कि मनीष सिसोदिया ने कोई अपराध नहीं किया है और उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और सिसोदिया के वकील की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 12 अक्टूबर, 2023 को निर्धारित की है।
12 अक्टूबर, 2023 को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जमानत याचिका पर फैसला सुना सकता है। हालांकि, यह भी संभव है कि अदालत इस मामले में और सुनवाई करे।
अगर सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया तो उन्हें जमानत दे दी जाएगी। अगर सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया तो उन्हें जेल में रहना होगा।