कविता, देश रोजाना
फरीदाबाद। जहां एक तरफ मानव के लिए पॉलिथीन का इस्तेमाल जरूरी हो गया है, वहीं दूसरी तरफ क्या आप जानते हैं कि आपके द्वारा इस्तेमाल की जा रही किसी भी तरह की पॉलिथीन जानवरों के लिए खतरनाक साबित हो रही है, यह कहना है गांव मिजार्पुर स्थित नारायणी गौसंरक्षण सोसायटी चला रहे महेश हिंदू गौ सेवक का। उन्होंने कहा कि जहां पहले गौ माता के लिए पहली रोटी निकाली जाती थी, अब लोग गौ माता को भोजन की जगह पॉलिथीन देते हैं। जोकि उनके लिए खतरनाक है। ऐसी ही एक गाय की उन्होंने सर्जरी की तो उसके पेट से 80 किलो पॉलिथीन निकली। ऐसा नहीं है कि यह पहला मामला है। इससे पहले भी शहर में कई मामले सामने आए है, जिसमे गौवंशों के पेट से पॉलिथीन का ढेर निकला है। एक गाय के बछड़े के पेट से पांच किलो पॉलिथीन निकली थी तो वहीं एक सांड के पेट से 70 किलो पॉलिथीन निकली थी। लेकिन इसके बावजूद भी शहर में पॉजिथीन का इस्तेमाल कम नहीं हो रहा है।
सभी पॉलिथीन खतरनाक
सरकार की तरफ से पॉलिथीन पर बैन लगा दिया है, लेकिन आज भी शहर में खुलेआम पॉलिथीन बिक रही है। ऐसे में एक ग्रेड पॉलिथीन का इस्तेमाल करने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन जब हम चिकित्सकों से बात करते है तो वह बताते हैं कि जानवरों के लिए हर तरह की पॉलिथीन खतरनाक है, इसका इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए, क्योंकि जानवरों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में सर्जरी के साधन नहीं हैं, जिससे इलाज के आभाव में उनकी जान चली जाती है।
सरकारी में नहीं सुविधा
जिले में एनिमल हैडबेंडरी सरकारी अस्पताल तो है, लेकिन उनमें सुविधाओं का आभाव है। फिलहाल फतेहपुर तगां, पन्हैड़ा, सीकरी, भनकपुर, जवां, तिगांव, दयालपुर, छायंसा, पल्ला, बड़ौली, एनआईटी फरीदाबाद, मिजार्पुर, मुजेसर, सरूरपुर में पशुओं के लिए सुविधाएं है। जिसमें सरकार की तरफ से गाय, बछड़े और सांड को सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए, लेकिन वहां के चिकित्सक रोजाना 4 से 5 पशुओं को निजी संस्थाओं के पास रेफर कर या फिर लोगों को नम्बर देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं, क्योंकि वहां सर्जरी की सुविधाएं नहीं है। सूत्रों की माने तो सरकारी संस्थाओं में आजतक किसी तरह की कोई सर्जरी नहीं हुई।