भारत का राष्ट्रीय प्रतीक, जिसे “अशोक की लाट” के नाम से भी जाना जाता है, भारत के गौरवशाली अतीत और उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक है। यह प्रतीक सम्राट अशोक के सारनाथ स्तंभ से लिया गया है, जो तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बनाया गया था। इस प्रतीक को 26 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपनाया गया था।
राष्ट्रीय प्रतीक में चार शेर हैं, जो शक्ति, साहस, आत्मविश्वास और गरिमा का प्रतीक हैं। शेर एक गोलाकार आधार पर खड़े हैं, जो एक उल्टे घंटे के आकार का कमल है। कमल पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक है। आधार के नीचे एक बैल और घोड़े की आकृति है, जो क्रमशः परिश्रम और गति का प्रतीक हैं। इनके बीच में एक धर्म चक्र है, जो सत्य और न्याय का प्रतीक है।
राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे देवनागरी लिपि में “सत्यमेव जयते” लिखा हुआ है, जिसका अर्थ है “सत्य की ही जीत होती है”। यह भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है।
राष्ट्रीय प्रतीक भारत सरकार के सभी आधिकारिक दस्तावेजों, मुद्राओं और पासपोर्टों पर अंकित होता है। यह भारत के गौरव और सम्मान का प्रतीक है।
राष्ट्रीय प्रतीक के विभिन्न तत्वों का अर्थ निम्नलिखित है:
- चार शेर: शक्ति, साहस, आत्मविश्वास और गरिमा का प्रतीक
- गोलाकार आधार: एकता और स्थिरता का प्रतीक
- उल्टा घंटे के आकार का कमल: पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक
- बैल: परिश्रम का प्रतीक
- घोड़ा: गति का प्रतीक
- धर्म चक्र: सत्य और न्याय का प्रतीक
राष्ट्रीय प्रतीक भारत के गौरवशाली अतीत और उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक है। यह भारत के लोगों की शक्ति, एकता और समृद्धि का प्रतीक है।