पिछले कर्नाटक चुनाव में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी की थी,जिसकी वजह से उनकी लोकसभा सदस्यता भी हाथ से निकल गई थी। इस मामले में निचली अदालत ने राहुल गांधी को सजा सुनाई थी। राहुल गांधी सजा को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए हालांकि उन्हें वहां से राहत मिली और उनकी संसद सदस्यता बहाल हो गई थी।
उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के वकील ने एक जनहित याचिका दाखिल की,जिसमें यह मांग की गई कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी जाए, अब इस पूरे मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया,इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की तरफ से याचिका दाखिल करने वाले वकील पर ₹100000 का जुर्माना भी लगाया गया।
गौरतलब है कि 24 मार्च को राहुल गांधी को लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। गुजरात के सूरत में मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल जेल की सजा सुनाई थी।
सात जुलाई को गुजरात हाई कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने की उनकी याचिका खारिज कर दी,उसके बाद 15 जुलाई को राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। चार अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी थी।
यह पूरा मामला राहुल गांधी के उस बयान को लेकर दर्ज किया गया था,जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था ‘क्यों सभी चोरों का सरनेम मोदी ही होता है’।
राहुल गांधी के इस बयान के खिलाफ बीजेपी के विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज करवाई थी।
आपको बता दें वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने कथित टिप्पणी साल 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए की थी।