राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा के लिए वोटिंग है,जिसके लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों बड़ी पार्टियां पूरे दमखम के साथ सियासी रण को जीतने की पूरजोर कोशिश में लगी है।
कांग्रेस और बीजेपी ने ज्यादातर सीटों पर अपने प्रत्याशी भी उतार दिए हैं कोशिश यही है कि ज्यादा से ज्यादा सीटें जीती जाए,जहां एक तरफ कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काम के दम पर कांग्रेस पार्टी वोट मांग रही है तो बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे पर राजस्थान की सत्ता पर काबिज होना चाह रही है।
अब मतदाताओं को रिझाने में कौन कामयाब रहता है यह तो तीन दिसंबर को चुनाव के परिणाम के बाद ही मालूम हो पाएगा लेकिन सभी पार्टियां वोटो के समीकरण को बैठाने में लगी है।
राजस्थान के पांच रीजन शेखावाटी,मेवाड़ ढूंढाड़, मारवाड़ और हाडोती में दो रीजन ढूंढाड़ और मारवाड़ वोट और प्रदेश की सियासत के इतिहास से ज्यादा महत्व रखते हैं।
इन क्षेत्रों के सियासी समीकरण पर नजर डालें तो मारवाड़ रीजन में विधानसभा की 61 सीटें हैं और यही कारण है कि यहां सियासी पार्टियों ज्यादा फोकस करती है मारवाड़ राजस्थान का उत्तरी और पश्चिम क्षेत्र है जाट और राजपूत के अलावा एससी अच्छी संख्या में मौजूद है। इस क्षेत्र में हनुमान बेनीवाल की आरएलपी का असर और जाट मतदाताओं को आकर्षित कर दोनों ही पार्टियां खेल बिगाड़ने में जुटी है तो वहीं इस इलाके की सबसे बड़ी समस्या पानी की कमी है जिससे यहां की जनता त्रस्त है।
ढूंढाड़ रीजन की बात की जाए तो विधानसभा की 58 सीटें हैं प्रदेश के इस हिस्से में मिली जुली आबादी रहती है, इस भाग की सीमा यूपी,मध्य प्रदेश और हरियाणा से लगती है।
जयपुर समेत शहरी सीटों का बड़ा हिस्सा इसी क्षेत्र में आता है मुस्लिम और एससी आबादी भी अच्छी खासी संख्या में है,इस रीजन में हिंदुत्व और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण बड़े मुद्दे हैं इस बार कांग्रेस के लिए यहां मुश्किल सचिन पायलट है जो ढूंढाड़ क्षेत्र से आते हैं और 2018 में सीएम पद के दावेदार रहे थे इस चुनाव में हालांकि काफी निष्क्रिय नजर आ रहे हैं।
अगर अलग-अलग ओपिनियन पोल की बात की जाए तो इन दोनों रीजन में बीजेपी को फिलहाल बढ़त मिलती दिख रही है बीजेपी को इन दोनों रीजन में 38 से 59 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है,पिछले चुनाव में इन दोनों रीजन में कांग्रेस का दबदबा रहा था।