पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है चुनाव प्रचार भी जोरों पर है। चुनावी घोषणाएं,आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो रहा है। विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव को काफी अहम माना जा रहा है। बात राजस्थान कि की जाए तो बीजेपी को लेकर बड़ी खबर सामने आई है।
प्रदेश में बीजेपी की दिग्गज नेता और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को उनके समर्थकों द्वारा मुख्यमंत्री कैंडिडेट बनाने की मांग जोरों पर है और ऐसे वक्त में वसुंधरा राजे ने सियासत छोड़ने का संकेत दे दिया है।
वसुंधरा राजे की सीट झालावाड़ में चुनाव प्रचार के दौरान उनके बेटे दुष्यंत सिंह ने सभा को संबोधित किया वसुंधरा अपने बेटे के भाषण से इतनी गदगद हो गई कि,उन्होंने अपने संबोधन के वक्त एक महत्वपूर्ण संकेत दिया। वसुंधरा राजे ने कहा कि मेरे बेटे की बात सुनने के बाद मुझे लगता है कि “अब रिटायरमेंट ले लेना चाहिए”,उन्होंने कहा कि आप सभी ने उसे इतनी अच्छी तरह प्रशिक्षित कर दिया है कि मुझे उसे आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
वसुंधरा राजे ने कहा कि सभी विधायक यहां मौजूद है और मुझे लगता है कि उन पर नजर रखने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वह अपने दम पर लोगों के लिए काम करेंगे।
आपको बता दे की वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह झालावाड़-बारां लोकसभा सीट से सांसद है वह यहां से पांच बार सांसद और चार बार विधायक भी रही है। वसुंधरा को पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया गया लेकिन वसुंधरा राजे के समर्थक लगातार इसकी मांग कर रहे हैं हालांकि भाजपा ने ऐसा क्यों नहीं किया इसको लेकर पार्टी की भूमिका पर भी कईं सवाल उठ रहे हैं।
शुक्रवार तीन नवंबर 2023 की सभा में वसुंधरा राजे ने क्षेत्र में तीन दशकों में किए गए कार्यों का लेखा-जोखा पेश किया और उसके बाद अपने बेटे को बोलते हुए सुनकर उन्होंने कहा कि मुझे अब लग रहा है कि मैं रिटायरमेंट ले सकती हूं अब उन्हें अपने बेटे के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।
तो वहीं अपने संबोधन में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का आवाह्न करते हुए वसुंधरा राजे ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में जमकर भ्रष्टाचार हुआ प्रश्न पत्र लीक हुए और अगर प्रदेश को देश में नंबर वन राज्य बनाना है तो बीजेपी को सत्ता में लाना होगा।
राजस्थान के इस चुनावी शोर के बीच वसुंधरा राजे का ये बयान सियासी हलचल पैदा कर रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या वसुंधरा राजे संन्यास लेने जा रही है या अपनी सीएम उम्मीदवारी को मजबूत करने के लिए इमोशनल कार्ड खेल रही है।
गौरतलब है कि राजस्थान में 25 नवंबर को वोटिंग है और तीन दिसंबर को काउंटिंग होगी।