जार्ज वाशिंगटन अमेरिका के पहले राष्ट्रपति थे। उन्होंने अपने जीवन में एक सैन्य अधिकारी और अमेरिकी स्वाधीनता संग्राम में क्रांतिकारी की भूमिका निभाई। उनको अमेरिका का संविधान निर्माता भी कहा जाता है। वह दो बार राष्ट्रपति रहे और उन्होंने ही अमेरिका में दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति चुनाव न लड़ने की परंपरा डाली थी। वाशिंगटन का जन्म 22 फरवरी 1732 में हुआ था। वे राष्ट्रपति बनने के बाद भी जनता से जुड़े रहे। वह अकसर वेष बदलकर जनता के बीच घूमते थे और लोगों की परेशानियों को जानने का प्रयास करते थे।
कई बार उन्होंने लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुलझाई थीं। इससे उनकी लोकप्रियता काफी बढ़ गई थी। एक बार की बात है। वे वेष बदलकर घूम रहे थे। उन्होंने देखा कि एक निर्माणाधीन इमारत की छत पर कुछ मजदूर लकड़ी का लट्ठा चढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। बार-बार वह लट्ठा लुढ़क जाता था। उसके पास खड़ा एक आदमी मजदूरों को शाबाशी दे रहा था। मजदूर पसीने से लथपथ थे। यह देखकर जार्ज वाशिंगटन ने उस आदमी से कहा कि भले मानुस, यदि तुम भी हाथ लगा दो, तो यह लट्ठा छत पर चढ़ जाएगा। इस पर उस आदमी ने कहा कि मेरा काम इन मजदूरों पर निगरानी करना है। इनके काम में सहयोग करना नहीं है। मैं इनका अफसर हूं, मजदूर नहीं।
यह सुनकर वाशिंगटन ने अपनी छड़ी नीचे रखी और मजदूरों के साथ लट्ठा चढ़ाने में जुट गए। थोड़ी देर बात लट्ठा छत पर चढ़ गया। वाशिंगटन ने उस व्यक्ति से कहा कि भविष्य में यदि तुम्हें जरूरत हो, तो मुझे बुला लेना। मैं इस देश का राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन हूं। यह बात सुनते ही वह व्यक्ति सन्न रह गया। उसे अपने किए पर शर्मिंदगी हुई और अपने व्यवहार से उसे डर भी लगा। उसने जार्ज से माफी मांगी और भविष्य में ऐसा न करने का वचन दिया।
लेखक: अशोक मिश्र