तेलंगाना विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक रखी है,भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस और एआईएमआईएम पर सीधा निशाना साधने के साथ ही कांग्रेस अपनी चुनावी गारंटीयों को वोटर्स तक पहुंचा रही है।
कांग्रेस जादुई आंकड़े तक पहुंचाना चाहती है और इसके लिए वह कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ रही है,कांग्रेस अब और ज्यादा आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार की रणनीति बना रही है।
कांग्रेस तेलंगाना में वही चुनावी रणनीति को अपना रही है जो उसने कुछ वक्त पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अपनाई थी,सत्तारूढ़ बीआरएस के अधूरे चुनावी वादे और प्रदेश निर्माण में कांग्रेस की भूमिका का उल्लेख भी इस रणनीति में शामिल है।
कांग्रेस कर्नाटक की तरह तेलंगाना में भी कथित भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बना रही है,कर्नाटक और तेलंगाना दोनों ही पड़ोसी राज्य है। तेलंगाना की लगभग एक दर्जन सीट कर्नाटक की सीमा से लगी हुई है,ऐसे में इन सीटों पर कर्नाटक का प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है और यही वजह है कि कांग्रेस ने चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी कर्नाटक सरकार में मंत्री और वरिष्ठ नेताओं को सौंपी है।
रणनीतिकार मानते हैं कि तेलंगाना में बीआरएस के साथ सीधा मुकाबला होने से कांग्रेस को फायदा मिलेगा कर्नाटक की पांच गारंटीयों की तर्ज पर कांग्रेस ने तेलंगाना में छ: गारंटियां दी है।
तेलंगाना में कांग्रेस की छ: चुनावी गारंटीयों पर नजर डालें तो उसमें शामिल है– महालक्ष्मी गारंटी योजना–महिलाओं के लिए ₹2500 की मासिक वित्त सहायता,₹500 में एलपीजी सिलेंडर और सरकारी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा।
इसके साथी रिथु भरोसा गारंटी– किसानों को ₹15000 वार्षिक सहायता,कृषि श्रमिकों को ₹12000 धान पर,500 अतिरिक्त बोनस।
तीसरी है गृह ज्योति गारंटी,जिसमें पात्र परिवारों के लिए 200 यूनिट मुफ्त बिजली का प्रावधान है।
तो वहीं चौथी गारंटी है युवा विकासम,जिसमें छात्रों के लिए पांच लाख रुपए का विद्या भरोसा कार्ड और प्रदेश के हर मंडल में तेलंगाना इंटरनेशनल स्कूल स्थापित करने का वादा। उसके बाद है चेयुथा गारंटी,जिसमें बुजुर्गों के लिए ₹4000 मासिक पेंशन और राजीव आरोग्यश्री योजना के तहत दस लाख रुपए का बीमा कवरेज। फिर आती है इंदिराम्मा इंदलु गारंटी– जिन लोगों के पास अपना घर नहीं है उनके लिए प्लॉट और पांच लाख रुपए की मदद करना।