हाल ही में बनी कर्नाटक की नई कांग्रेस सरकार पिछली भाजपा सरकार की तमाम नीतियों में बदलाव करने पर विचार कर रही है। आपको बता दे कि कर्नाटक राज्य में गोहत्या पर पाबंदी है लेकिन इसे हटाने की चर्चा तेजी पकड़ रही है।दरअसल बीते तीन दिन पहले ही पशुपालन मंत्री के वेंकटेश ने एक बयान दिया था । जिसमें उन्होने कहा था कि जब भैसों को काटा जा सकता है तो गायों को क्यों नहीं काटा जा सकता। वही दूसरी ओर अब ग्रामीण विकास और पंचायती राज प्रियांक खड़गे ने भी अपने बयान में कह दिया है।
कि, BJP सरकार को पहले ही ये जानकारी थी कि गोहत्या विरोधी कानून से राज्य पर वित्तिय बोझ पड़ रहा है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने पशुओं को चारा उपलब्ध कराने की योजना का हवाला दिया। प्रियांक ने कहा, भाजपा की गणना के अनुसार, हर दिन एक पशु के खाने पर 70 रुपये खर्च हो रहे थे। और साथ ही कहा कि कर्नाटक में पिछली बोम्मई सरकार का गोहत्या विरोधी बिल राज्य की प्रगति में बाधा है उनका कहला है। कि गोहत्या विरोधी विधेयक केवल नागपुर में बैठे भाजपा के आकाओं को खुश करने के लिए तैयार किया गया था। इससे न तो किसानों को फायदा हुआ और न ही किसी भी इंडस्ट्री को। इसके अलावा सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली नई कांग्रेस सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभागों को संभालने वाले खड़गे ने कहा कि गो रक्षा से जुड़ी में भाजपा की अन्य योजनाएं भी आर्थिक बोझ थीं।