पलवल। होडल थाना क्षेत्र में अगस्त 2020 में 10 वर्षीय मूकबधिर बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत राणा की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बुुधवार को दोनों आरोपियों अजय और पुरुषोत्तम को दोषी सिद्ध करार दिया। कोर्ट ने दोनों को अधिकतम सजा मृत्युदंड सुनाई। साथ ही दोनों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि होडल थाना अंतर्गत एक गांव निवासी 10 वर्षीय मूक बधिर (गूंगी-बहरी) बच्ची 24 अगस्त 2020 को घर से लापता हो गई। 25 अगस्त को बच्ची का शव उनके घर से कुछ दूरी पर ज्वार के खेत से बरामद हुआ था। होडल थाना पुलिस ने खुलासा किया कि बच्ची के साथ दरिंदगी की गई थी। बच्ची की हत्या से पूर्व दुष्कर्म किया गया था और उसकी दोनों आंखों में जख्म दिए गए। दोनों युवकों ने पहले शराब पी थी, उसके बाद बच्ची के साथ दरिंदगी की। पुलिस ने अजय व पुरुषोत्तम नामक दो युवकों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। वहां से दोनों को जेल भेज दिया गया था। उसी दिन से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन था।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि नाबालिग दस वर्षीय मूक बधिर बच्ची के शरीर पर आठ चोटें पाई गई थी, जिससे शक गहाराया कि दर्दनाक हत्या की गई है। एक आरोपी ने पहले भी बच्ची के साथ छेड़छाड़ की थी, जिससे शक की सूई उसकी तरफ गई थी। मृतका के कपड़ों का और प्राइवेट पार्ट से जो सैंपल लिए गए थे, वो आरोपी अजय से मैच कर गए थे।
सरकारी वकील हरकेश सिंह ने मामले की पैरवी करते हुए दोनों दोषियों को फांसी सजा देने की मांग की। उन्होंने घटना के बारे में बताया कि अजय व पुरुषोत्तम ने 24 अगस्त को 20 रुपये देकर बच्ची को बाग में भेजा था। बच्ची जब बाग में जाने के लिए ज्वार के खेत के पास पहुंची तो आरोपियों ने उसे उठा लिया और खेत के अंदर ले गए और दोनों ने बारी-बारी बलात्कार करने के बाद गला दबाकर हत्या कर दी। उस समय दिव्यांग के साथ हुई दरिंदगी को लेकर ग्रामीणों में इतना आक्रोश था कि ग्रामीणों ने थाने का घेराव तक किया था।