Monday, December 23, 2024
16.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiईवीएम या भाजपा: मतदाता किस पर करे भरोसा?

ईवीएम या भाजपा: मतदाता किस पर करे भरोसा?

Google News
Google News

- Advertisement -

बिल्कुल सन्नाटा…अब आप कहीं नहीं सुनेंगे कि चुनाव है। विधानसभा चुनाव पांच राज्यों के संपन्न हो गए, परिणाम भी आ गए, जिसमें अप्रत्याशित जीत हासिल करके कई राज्यों में भाजपा सत्ता में आ गई। वैसे भी देश के बड़े राज्यों में एक मध्यप्रदेश में भाजपा लगभग दो दशक से सत्ता में है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले भी मध्यप्रदेश की सत्ता की कमान संभाल रहे थे। हां, कांग्रेस ने भाजपा के लिए तेलंगाना जीतकर भाजपा के लिए दक्षिण का द्वारा बंद जरूर कर दिया।

कुछ भी हो, हिन्दी बेल्ट के तीन राज्यों में परचम लहराकर भाजपा ने साबित कर दिया है कि अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अकेले अपने दम पर किसी भी राज्य का चुनाव जीतकर आगे की पंक्ति में अपनी पार्टी को खड़ा कर सकते हैं। शोर पराजित होने वाला ही मचाता है। अभी चुनाव परिणाम आने के बाद चुनाव आयोग सहित कंप्यूटर हैक और बूथ कब्जा करने, ईवीएम तक की बात होगी, लेकिन जीत तो जीत है। जो एक बार आगे बढ़ गया, उन पर यदि धांधली का आरोप लगता भी है, तो सौ में एक प्रतिशत आरोपित पर ही दोष सिद्ध होता है, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

लोग मुद्दे को भूल जाते हैं और मामला हाथ से निकल चुका होता है। चार राज्यों में मतदान का जो  प्रतिशत निकलकर आता है, वह यह कि कांग्रेस इन राज्यों में 4 करोड़ 91 लाख जनता की पसंद है, जबकि भाजपा 4 करोड़ 81 लाख जनता की पसंद रही है। अब यह गहन जांच का विषय है कि मतदान का प्रतिशत अधिक होने के बावजूद कांग्रेस क्यों हार गई, लेकिन इसकी जांच करेगा कौन?

भारत भयंकर षड्यंत्रकारी कुटिल योजना के तहत गुलामी की ओर बढ़ चुका है। पांच राज्यों के चुनाव में से पांचों के चुनावी नतीजे आने से पहले तक उन राज्यों के कांग्रेस कार्यालयों पर पिछली रात से ही आतिशबाजी, ढोल-नगाड़े और मिठाइयां बांटने की तैयारी चलती रही और दूसरी तरफ भाजपा प्रत्याशियों, नेताओं व कार्यकर्ताओं में हार की मन:स्थिति बनी होने के कारण चुनाव परिणाम आने वाले दिन की सुबह तक भाजपा कार्यालयों में सन्नाटा पसरा था।

लेकिन, चुनाव परिणामों ने जीती हुई देश की प्रमुख पार्टी कांग्रेस की हार और हारी हुई भाजपा की जीत के अप्रत्याशित परिणामों ने संसद भवन में मोदी के कहे उस कथन पर मोहर लगा दी है कि ‘देश में सन 2047 में भी भाजपा का ही शासन रहेगा और उस साल का स्वतंत्रता समारोह भाजपा के शासन काल में ही मनाया जाएगा।
पृथ्वी से हजारों मील दूर चंद्रयान को जब रिमोट से संचालित किया जा रहा है, तो ईवीएम को क्यों नहीं संचालित किया जा सकता है? अरसे से ईवीएम संदेह के घेरे में है और सारी दुनिया जानती है कि कई देशों में ईवीएम द्वारा मतदान पूर्णत: प्रतिबंधित है, तो भारत में किस षड्यंत्र के तहत इसे जारी रखा गया है? जब कभी ईवीएम में गड़बड़ी की खबर आती है, तो उसमें भाजपा का चुनाव चिह्न स्पष्ट तौर पर लाभ मिलने की स्थिति में दिखाई देता है।

इस पर भाजपा हमेशा खामोश रहती है। इस सच से देश की छोटी—बड़ी सभी राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह से अवगत हैं, फिर क्यों ईवीएम के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन नहीं किया जा रहा है? कहीं इस षड्यंत्र में कांग्रेस भी तो शामिल नहीं है? ऐसी शंकाएं लोगों के मन में पनपने लगी हैं। यहां जो प्रश्न जनता सरकार के समक्ष खड़ी कर रही है, वह यह कि जो चुनाव में ईवीएम का प्रयोग हो रहा है, वह विश्वास के योग्य नहीं हैं, क्योंकि जब इसका प्रयोग जिस देश ने करना शुरू किया था, उस समय तकनीक आज की तरह विकसित नहीं थी, लेकिन आज जब हम चांद पर अपने चंद्रयान को लाखों किलोमीटर दूर बैठकर नियंत्रित कर सकते हैं, तो फिर जमीन पर हो रहे घोटालों को हम नियंत्रित क्यों नहीं कर पाएंगे?
(यह लेखक के निजी विचार हैं।)

-निशिकांत ठाकुर

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

srinagar-freezes:श्रीनगर में न्यूनतम तापमान -7 डिग्री, डल झील जमी

सोमवार को(srinagar-freezes:) कश्मीर घाटी में भीषण शीतलहर के चलते डल झील की सतह जम गई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, शहर में...

delhi weather:दिल्ली में हल्की बारिश,तापमान8.6 डिग्री सेल्सियस

दिल्लीवाले सोमवार(delhi weather:) सुबह हल्की बारिश और धुंध के साथ उठे, और न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसमी औसत से...

Recent Comments