देश रोजाना ब्यूरो, नई दिल्ली
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका स्थित एक मंदिर की दिवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे जाने और उसमें तोड़फोड़ की घटना पर शनिवार को चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के बाहर चरमपंथियों और अलगाववादी ताकतों को जगह नहीं मिलनी चाहिए।
विदेश मंत्री यहां राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह से इतर संवाददाताओं से बात कर रहे थे। जयशंकर ने घटना के बारे में एक सवाल पर कहा, मैंने खबरें देखी हैं। जैसा कि आप जानते हैं, हम इस बारे में चिंतित हैं। भारत के बाहर चरमपंथियों और अलगाववादी ताकतों को जगह नहीं मिलनी चाहिए। जो कुछ भी हुआ, उसके बारे में हमारे वाणिज्य दूतावास ने (अमेरिकी) सरकार और वहां की पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई है और मुझे विश्वास है कि मामले की जांच की जा रही है।
नारे लिखे जाने की सूचना मिली : पुलिस
कैलिफोर्निया के नेवार्क में पुलिस विभाग ने कहा कि शुक्रवार सुबह लगभग 8।35 बजे उसे श्री स्वामीनारायण मंदिर (हिंदू मंदिर) में नारे लिखे जाने की सूचना मिली। सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों के अनुसार खालिस्तान शब्द के साथ अन्य आपत्तिजनक नारे मंदिर के बाहर एक ‘साइनपोस्ट’ पर स्प्रे-पेंट किये गये थे। नेवार्क पुलिस ने कहा कि हिंसा, संपत्ति की क्षति, उत्पीड़न, नफरत या पूर्वाग्रह से प्रेरित अन्य अपराधों के किसी भी कृत्य या धमकी को बहुत गंभीर माना जाता है और इसे उच्च प्राथमिकता दी जाती है। सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने मंदिर को विरूपित करने की कड़ी निंदा की।
चेक गणराज्य में निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी के बारे में जयशंकर ने कहा कि भारतीय दूतावास को उन तक (उस देश की सरकार द्वारा) राजनयिक पहुंच प्रदान की गई थी। गुप्ता पर भारतीय अधिकारी के साथ मिलकर अमेरिका स्थित खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप है। जयशंकर ने कहा, जब भी किसी भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया जाता है, तो हम उनकी देखभाल के लिए राजनयिक पहुंच की मांग करते हैं जो हमें तीन बार मिल चुकी है। 10वें ‘वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन’ के लिए भागीदार देशों की सूची से अमेरिका और कनाडा की अनुपस्थिति पर जयशंकर ने कहा कि वह इसका कोई राजनीतिक मायने नहीं निकालेंगे।