पेंशन 2,750 से बढ़कर होगी तीन हजार रुपये
बैठक: मुख्यमंत्री ने तीन जनवरी को बुलाई कैबिनेट की मीटिंग
देश रोजाना ब्यूरो, चंडीगढ़
हरियाणा कैबिनेट की मीटिंग 3 जनवरी को होगी। मीटिंग सुबह 11 बजे हरियाणा सिविल सचिवालय की चौथी मंजिल सभागार में आयोजित की जाएगी। इसकी अध्यक्षता सीएम मनोहर लाल करेंगे। मुख्य सचिव संजीव कौशल की ओर से लेटर जारी किया गया है। इस मीटिंग में कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई जाएगी जिसमें पेंशन लाभार्थियों को सीएम बड़ी राहत दे सकते हैं। मुख्यमंत्री इस मीटिंग में पेंशन बढ़ोत्तरी को लेकर कोई फैसला ले सकते हैं। इससे पहले 28 नवंबर को कैबिनेट मीटिंग हुई थी, जिसमें विधानसभा के विंटर सेशन की डेट फिक्स की गई थी।
हरियाणा में बुढ़ापा पेंशन किसी राजनीतिक मुद्दे से कम नहीं है। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में पांच साल के भीतर 3100 रुपये पेंशन देने का वादा किया था, जो पूरा नहीं हो पाया है। भाजपा के सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने पांच हजार रुपये मासिक पेंशन देने की घोषणा की थी, लेकिन तब उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ा था। अब नए साल पर सरकार ने विधुर पेंशन योजना में 250 रुपये बढ़ोत्तरी की है, जिसके बाद अब उन्हें 3000 रुपये कर दी जाएगी।
साल की पहली कैबिनेट मीटिंग कई मायनों में अहम होने वाली है। इसकी वजह यह है कि 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। साथ ही जनवरी लास्ट या फरवरी के शुरूआत में निकाय चुनाव भी कराए जा सकते हैं। चुनावी साल को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस मीटिंग में कई फैसलों पर अपनी मुहर लगा सकते हैं। हरियाणा में पेंशन एक बड़ा मुद्दा रहा है, इस पर भी मनोहर कैबिनेट बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है।
कई फैसलों पर लग चुकी मुहर
हरियाणा में नवंबर में हुई कैबिनेट मीटिंग में बकाया राशि की वसूली में तेजी लाने और मुकदमेबाजी कम करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एकमुश्त व्यवस्थापन स्कीम 2023 नामक एक अनूठी योजना को मंजूरी दी गई थी। यह योजना पूर्व-जीएसटी प्रणाली में आबकारी एवं कराधान विभाग के विभिन्न अधिनियमों द्वारा शासित बकाया राशि की वसूली की सुविधा के लिए बनाई गई है। इसके अलावा आईओसीएल पानीपत रिफाइनरी के पहले चरण के लिए विस्तार के लिए तीन गांवों आसन कलां, बाल जाटान तथा खंडरा की ग्राम पंचायतों को 350.5 एकड़ पंचायती जमीन को इंडियन आॅयल कॉपोर्रेशन पानीपत रिफाइनरी व पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स पानीपत को बेचने की मंजूरी दी गई थी।