Do you want to send your name into Space: अंतरिक्ष का सफर करना हर इंसान की तमन्ना है। हालांकि, यह इतना आसान नहीं है। लेकिन, अब आप चाहें तो आपका नाम जरूर अंतरिक्ष में भेज सकते हैं। ऐसा करने का मौका अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) दे रही है। दरअसल, नासा अपने एक मिशन Europa Clipper Mission को लॉन्च करने की तैयारी में है। मिशन को अगले साल अक्टूबर में लॉन्च किया जाएगा।
क्या है नासा का मिशन
इस मिशन के लिए स्पेसक्राफ्ट (Europa Clipper Spacecraft) को बृहस्पति तक भेजा जाएगा। नासा ने ऑफर किया है कि उस पर आप चाहें तो अपना नाम लिखवा सकते हैं। यह अंतरिक्ष यान 2.9 अरब किमी की यात्रा करेगा। इसके 2030 तक बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश करने की उम्मीद है।
क्या है नासा का प्रोजेक्ट
नासा ने इस प्रोजेक्ट का नाम मैसेज इन अ बॉटल (Message in a Bottle) रखा है। खास बाता है कि इस यान के लिए नाम भेजने के बदले लोगों को कोई पैसा नहीं देना होगा। एक लिंक पर क्लिक करके आप अपना नाम भेज सकते हैं। इस लिंक https://go.nasa.gov/465NKmM पर क्लिक कर आप अपना नाम भेज सकते हैं।
नासा ने इंस्टाग्राम पर किया पोस्ट
मिशन के बारे में नासा ने इंस्टाग्राम पर जानकारी शेयर की है। नासा ने लोगों से मिशन का हिस्सा बनने की अपील करते हुए इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, ‘लास्ट मिनट गिफ्ट चाहिए? तो अपना नाम यूरोपा क्लिपर अंतरिक्ष यान पर अंकित करें। हम अपने यूरोपा क्लिपर अंतरिक्ष यान पर नाम डाल रहे हैं, जो 1.8 अरब मील (2.9 अरब किमी) की यात्रा करेगा। स्पेसक्राफ्ट पर अपना नाम अंकित करके आप भी इस मिशन का हिस्सा बन सकते हैं।’
31 दिसंबर है लास्ट डेट
इस मिशन के लिए अपना नाम भेजने की लास्ट डेट 31 दिसंबर 2023 रखी गई है। नाम भेजना बहुत आसान है। लिंक पर क्लिक करने के बाद आपको नाम, ईमेल अड्रेस, देश का नाम और पिन कोड सिलेक्ट करना होगा। बताया जाता है कि बृहस्पति ग्रह के लिए रवाना होने वाले स्पेसक्राफ्ट में अमेरिकी कवि ‘एडा लिमोन’ की एक कविता भी लिखी होगी। उसका टाइटल है- ‘इन प्रेज ऑफ मिस्ट्री: ए पोएम फॉर यूरोपा’।
क्या है इस मिशन का लक्ष्य
यान पर लिखे जाने वाली कवितो को इसी साल की शुरुआत में कांग्रेस लाइब्रेरी में पेश किया गया था। तभी नासा ने अपने इस कैंपेन को अनवील किया था। यूरोपा क्लिपर मिशन का मुख्य लक्ष्य यह पता लगाना है कि क्या बृहस्पति ग्रह के चंद्रमा यूरोपा के नीचे ऐसी जगहें हैं, जहां जीवन की संभावना हो सकती है।
दरअसल, कई शोधों में यह पुष्टि हुई है कि यूरोपा की सतह पर बर्फ की मोटी चादर है और उसके नीचे महासागर हो सकता है। अपकमिंग मिशन में उस बर्फीली सतह की मोटाई का पता लगाया जाएगा। उसके नीचे मौजूद समुद्र को परखा जाएगा।