वैसे तो हरियाणा छोटे राज्यों में गिना जाता है, लेकिन आबादी के हिसाब से यहां होने वाले सड़क हादसों की संख्या कम नहीं है। आए दिन प्रदेश के किसी न किसी हिस्से में कार, बस, ट्रक के आपस में या सड़क के डिवाइडर से टकराने के चलते इतने लोगों की मौत हो गई। मौतों के मामले में यह देश में चौथे स्थान पर है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि हर साल हजारों लोग सड़क हादसों के चलते असमय मौत के मुंह में समा जाते हैं।
सड़क हादसों के चलते होने वाली मौतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अगले छह साल में मौतों को 50 फीसदी कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश राज्य सरकारों को दिया गया है। हरियाणा सरकार ने इस दिशा में काफी पहले से ही कदम उठा लिया था। यही वजह है कि पिछले वर्ष हरियाणा में सड़क हादसों के चलते होने वाली मौतों में नौ फीसदी की कमी आई है। सड़क हादसों की संख्या पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
पिछले वर्ष आठ फीसदी सड़क हादसे कम हुए थे। इससे उत्साहित होकर प्रदेश सरकार ने जिला उपायुक्तों को जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा परिषदों की नियमित मासिक बैठक करने और लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया है। वैसे इस मामले में महत्वपूर्ण बैठक नहीं है, गांव और ब्लाक स्तर पर लोगों को जागरूक करना है। हां, बैठक होने से अधिकारियों और कर्मचारियों में जागरूकता बनी रहती है। परिवहन आयुक्त ने सभी जिला उपायुक्तों और आरटीए सचिवों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
यदि प्रदेश में सड़क हादसों को सचमुच रोकना है, तो सबसे पहले दोपहिया और चार पहिया वाहन चालकों को जागरूक करना होगा। उन्हें समझाना होगा कि सड़क यातायात के नियमों का पालन करना, न केवल उनके हित में है, बल्कि सड़क पर चलने वाले प्रत्येक नागरिक के हित में है। दोपहिया वाहन चालकों और उस वाहन पर बैठी सवारी को हेलमेट पहनना जरूरी है, यह उन्हें समझाना होगा और उन्हें इस बात के लिए प्रेरित करना होगा कि जब भी वे सड़क पर वाहन चलाएं। यातायात नियमों का पालन करें और हेलमेट का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
इतना ही नहीं, सभी तरह के वाहन चालकों को यह एहसास दिलाना जरूरी है कि उनके तेज गति से वाहन चलाने से दूसरों का जीवन खतरे में आ सकता है। उनकी भी जान खतरे में ही रहती है। तेज गति से वाहन चलाने का थोड़ी देर के लिए मिलने वाला रोमांच उन्हें जीवन भर के लिए अपाहिज बना सकता है। उनकी और दूसरों की मौत का कारण बन सकता है। जीवन इतना भी सस्ता नहीं है कि पल भर की खुशी के लिए उसे न्यौछावर कर दिया जाए। इसलिए संयमित वाहन चलाना ही सड़क हादसों को रोकने का सर्वोत्तम उपाय है।
-संजय मग्गू