Wednesday, March 12, 2025
31.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiजीवन के लिए खतरा बन रहा है माइक्रोप्लास्टिक

जीवन के लिए खतरा बन रहा है माइक्रोप्लास्टिक

Google News
Google News

- Advertisement -

पिछले लंबे समय से माइक्रो प्लास्टिक की खाद्य पदार्थों में दिनोंदिन बढ़ती मौजूदगी चिंता का सबब बन गयी है। अब तो हालत यह है कि प्लास्टिक के ये कण नदियों और महासागरों ही नहीं, पर्वतों की ऊंची-ऊंची चोटियों पर जमी बर्फ में भी मिल रहे हैं। आज स्थिति यहां तक आ पहुंची है कि अब ये पीने के पानी में भी मौजूद हैं। जिस बोतलबंद पानी को हम सबसे ज्यादा सुरक्षित मानते हैं, कई अध्ययनों ने यह खुलासा किया है कि वही पानी आज कल जानलेवा बना हुआ है। पैकेज्ड बोतलों में बंद पानी में प्लास्टिक के ये छोटे-छोटे कण, जिन्हें हम माइक्रोप्लास्टिक के नाम से जानते हैं और उनको सामान्य दृष्टि से हम देख भी नहीं सकते, हमारे लिए कतई सुरक्षित नहीं हैं।

इनसे हृदय रोग, मधुमेह और अन्य मानव जीवन के लिए खतरनाक बीमारियों का अंदेशा बढ़ गया है। यह बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा स्टीमुलेटेड रैमन स्कैटरिंग माइक्रोस्कोपी की तकनीक के जरिये किये शोध जो प्रोसीडिंग्स आॅफ दि नेशनल एकेडमी आफ साइंसेज में प्रकाशित हुआ, से खुलासा हुआ है कि अब बोतलबंद पानी में भी माइक्रोप्लास्टिक के कण मौजूद हैं।

इसने दुनिया के वैज्ञानिकों को हैरत में डाल दिया है। शोध ने यह साबित कर दिया है कि बोतलबंद एक लीटर पानी में माइक्रो प्लास्टिक के औसतन 2,40,000 कण मौजूद हैं। शोध के अनुसार बोतलबंद पानी की अलग अलग बोतलों में प्रति लीटर 1,10,000 से लेकर 3,70,000 तक कण मौजूद थे जिनमें से 90 फीसदी नैनो प्लास्टिक के कण थे जबकि बाकी माइक्रो प्लास्टिक के कण थे।

दरअसल पांच मिमी से छोटे टुकड़े को माइक्रो प्लास्टिक कहा जाता है, जबकि नैनो प्लास्टिक एक माइक्रो मीटर यानी एक मीटर के अरबवें हिस्से को कहा जाता है। गौरतलब यह है कि ये कण इतने छोटे होते हैं कि इंसान के पाचन तंत्र और फेफड़ों में मिलकर मस्तिष्क व हृदय समेत शरीर के सभी अंगों को प्रभावित कर सकते हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि ये प्लेसैंटा से होते हुए अजन्मे बच्चे के शरीर में पहुंचकर प्रभावित कर सकते हैं। ये गैस्ट्रिक समस्या से लेकर शारीरिक असमानताओं यथा विकलांगता के कारण भी बन सकते हैं।

गौरतलब है कि ये कण विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक से उत्पन्न होते हैं जैसे कि पालीएथिलीन और पॉलिप्रोपिलीन जो सेहत को और खतरनाक बना सकते हैं। सबसे खतरनाक यह है कि इंसान एक साल में 10 हजार माइक्रो प्लास्टिक के टुकड़े या तो खा रहा है या फिर वह सांसों के जरिये अपने शरीर में डालकर जान लेवा बीमारियों को जन्म दे रहा है। सच तो यह है कि हम बोतलबंद पानी के रूप में पानी नहीं, जहर पी रहे हैं।

यह धीरे धीरे हमारे शरीर के अंगों को बेकार बना रहा है। इसमें प्लास्टिक कणों की मौजूदगी यदि लम्बे समय तक जारी रहती है तो सेहत के साथ-साथ हमारे पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है। जहां बोतलबंद पानी पर्यावरण, सार्वजनिक ही नहीं मानवीय स्वास्थ्य आदि को प्रभावित करता है, वहीं उसकी बोतलें हमारे जल भंडारों व भूजल स्रोतों को नष्ट करती हैं। इसके साथ बोतलबंद पानी का कारोबार करने वालों का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि वे जो पानी जमीन से खींचते हैं, उसका वे नाममात्र का मूल्य अदा करते हैं और कहीं-कहीं तो वे वह भी नहीं चुकाते हैं।

यदि हम मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को बचाना चाहते हैं तो हमें बार्सिलोना इंस्टीट्यूट आफ ग्लोबल हेल्थ के अध्ययन के सुझाव के अनुसार बोतलबंद पानी की जगह नल का पानी पीना चाहिए। शोधकर्ता आई एस ग्लोबल कैथरीन टोन कहते हैं कि पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों पर विचार करने से यह निष्कर्ष निकलता है कि बोतलबंद पानी व्यापक प्रभाव पैदा करता है जबकि उसकी तुलना में नल का पानी बेहतर विकल्प है।
(यह लेखक के निजी विचार हैं।)

-ज्ञानेन्द्र रावत

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रमाण है होली

वी के पूजाभारत एक कृषि प्रधान देश है, और जैसा कि सभी को विदित है कि कृषि ही मनुष्य की आजीवका का प्रमुख साधन...

प्रसिद्धि की बैसाखी बनता साहित्य में चौर्यकर्म

-डॉ. सत्यवान सौरभसाहित्यिक चोरी साहित्यिक क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती बन गई है, जहाँ एक लेखक के विचारों, शब्दों या रचनाओं पर दूसरे लेखक...

होली पर हुड़दंगबाजो पर पुलिस की रहेगी पैनी नजर, शांति भंग करने वालो के खिलाफ की जाएगी सख्त कानूनी कार्रवाई

थाना पुलिस, यातायात पुलिस और क्राइम ब्रांच टीम की टीम फिल्ड मे रहेगी तैनात, अलर्ट मोड में की जाएगी पुलिस पेट्रोलिंगफरीदाबाद पुलिस की तरफ...

Recent Comments