अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण और फिर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर दुनिया भर में चर्चा जोरों पर है। लेकिन पाकिस्तान ही एक ऐसा देश है जो भारत के पवित्र तीर्थ स्थलों पर भी जहर उगलने से बाज नहीं आ रहा है। अयोध्या में रामलला की प्रतिष्ठा पर पाकिस्तान ने शर्मनाक प्रतिक्रिया दी है।
दरअसल, पाकिस्तान ने अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक की निंदा की है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि अभिषेक समारोह भारत के बढ़ते बहुसंख्यकवाद का संकेत है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ”चरमपंथियों की भीड़” ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था। इसमें कहा गया, दुर्भाग्य से भारत की सर्वोच्च न्यायपालिका ने न केवल इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार अपराधियों को बरी कर दिया, बल्कि ध्वस्त मस्जिद के स्थान पर एक मंदिर के निर्माण की भी अनुमति दे दी।
भारत के मुस्लिमों को भड़काने की कोशिश
पाकिस्तान ने भारतीय मुसलमानों को भी भड़काने की कोशिश की है। इसमें कहा गया, पिछले 31 वर्षों के विकास, जिसके कारण आज का अभिषेक समारोह हुआ, भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद का संकेत है। ये भारतीय मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेलने की चल रही कोशिशों का एक महत्वपूर्ण पहलू है। पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि मस्जिद भारत के लोकतंत्र पर एक धब्बा है। देश ने दावा किया कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद समेत मस्जिदों की बढ़ती सूची अपवित्रता और विनाश के समान खतरे का सामना कर रही है।
”रामलला अब नहीं रहेंगे टेंट में”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अभिषेक समारोह की अध्यक्षता की, जिसमें हजारों गणमान्य व्यक्तियों और स्थानीय लोगों ने भाग लिया। जिसके बाद ‘सियावर रामचन्द्र की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 22 जनवरी 2024 का यह सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है और यह एक नए कालचक्र का उद्गम है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। आज हमारे राम आ गए हैं । मेरा पक्का विश्वास और अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी।’’