फरीदाबाद। कैंसर लाईलाज बीमारी नहीं है। हाल ही में फरीदाबाद सेक्टर-16 स्थित मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में डॉक्टरों की टीम ने ओवेरियन (अंडाशय) कैंसर की स्टेज 4 के साथ आई 57 वर्षीय नीरजा चुटानी का सफल इलाज कर उसे नया जीवन दिया। इस संबंध में जानकारी देते हुए मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में ऑन्कोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. सनी जैन ने बताया कि जब महिला हमारे पास आई तो उसे पेट में बहुत तेज दर्द था, उल्टी हो रही थी। ठीक से जाँच करने पर हमें पता चला कि मरीज के पेट में पानी भरा हुआ था और वह ओवेरियन कैंसर की स्टेज 4 में थी।
इलाज के लिए मरीजको कीमोथेरेपी और टारगेट थेरेपी राउंड दिए
शुरुआत में इलाज के लिए मरीज को कीमोथेरेपी और टारगेट थेरेपी के चार राउंड दिए गए। चौथे राउंड के बाद पॉज़िट्रान एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) स्कैन करने पर पता चला कि मरीज रोग मुक्त हो गयी थी। फिर मरीज की ओंको सर्जरी की गई जिसमें कैंसर ग्रस्त हिस्से को सर्जरी द्वारा निकाल दिया गया। इसके बाद मरीज को कीमोथेरेपी के दो राउंड और दिए गए। अब मरीज पूरी तरह से रोग मुक्त हो गई और सामान्य जीवन जी रही है।
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डॉ. सनी जैन ने बताया
डॉ. सनी जैन ने बताया कि यह केस काफी चुनौपूर्ण था क्योंकि मरीज कैंसर की चौथी स्टेज में आई थी। मरीज के पेट में पानी भरा हुआ था और पेट में तेज दर्द था, वह कुछ खा नहीं पा रही थी। साथ ही उसे उल्टियां भी हो रही थीं। कीमोथेरेपी और टारगेट थेरेपी देने से पहले मरीज की हालत को पहले सामान्य किया गया ताकि वह ट्रीटमेंट को बर्दाश्त कर सके। लगभग 6 महीने के इलाज के बाद आज मरीज पूरी तरह से रोग मुक्त हो गई है। पेट में पानी भरना, पेट में असहनीय दर्द होना, बिना किसी कारण शरीर का वजन घटना, भूख न लगना आदि लक्षणों को नज़रंदाज न करें क्योंकि ये सभी लक्षण ओवेरियन कैंसर की ओर इशारा करते हैं।
ओवेरियन कैंसर खतरा उन महिलाओं ज्यादा है
ओवेरियन कैंसर का उन महिलाओं में ज्यादा खतरा होता है जिनके परिवार में ब्रैस्ट और ओवेरियन कैंसर की हिस्ट्री है। मोटापा से ग्रस्त, धूम्रपान एवं शराब का अधिक सेवन करने वाली महिलाओं में भी इस कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। आमतौर पर यह कैंसर 50-60 साल की उम्र की महिलाओं में देखने को मिलता है। इस बीमारी का शुरुआत में ही पता चल जाये तो इसका समय रहते प्रभावी तरीके से इलाज किया जा सकता है इसलिए जिन महिलाओं के परिवार में ओवेरियन कैंसर की हिस्ट्री है, उन्हें 35 साल की उम्र के बाद ही स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर नियमित रूप से जाँच करवाते रहना चाहिए। जिनके परिवार में ओवेरियन कैंसर की हिस्ट्री नहीं है, वे 40 साल की उम्र के बाद स्त्री रोग विशेषज्ञ से जाँच करा सकते हैं। मोटापा भी इस बीमारी का एक बड़ा कारण है इसलिए ओवेरियन कैंसर से बचने के लिए नियमित व्यायाम कर अपने शरीर के वजन को नियंत्रण में रखें, संतुलित आहार लें और धूम्रपान एवं शराब के सेवन से बचें।
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