लोकमंगल की अवधारणा पर आधारित उत्तर प्रदेश सरकार का बजट समग्र और संतुलित विकास का महत्वपूर्ण आर्थिक दस्तावेज है। आस्था, अन्त्योदय और अर्थव्यवस्था को समर्पित सात लाख 36 हजार 437 करोड़ रुपये से अधिक का यह बजट अब तक का प्रदेश का सबसे बड़ा बजट है। वर्ष 2023-24 की तुलना में इस वर्ष बजट में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। यह बजट यूपी को देश का ग्रोथ इंजन तथा एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की प्रधानमंत्री की संकल्पना का प्रतिनिधित्व करता है। विगत सात वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने में सफलता प्राप्त हुई। आज उत्तर प्रदेश देश की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक ग्रीन बजट की अवधारणा की दिशा में 17 महत्वपूर्ण विभागों के वित्तीय अनुमानों की ग्रीन टैगिंग करने वाला सम्भवत: देश का पहला राज्य है।
वर्ष 2024-25 का बजट पिंक बजट भी है। इसके तहत प्रदेश की मातृशक्ति से संबंधित विभिन्न योजनाओं को चिन्हित कर ध्यान केंद्रित किया गया। बजट में पहली बार कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 203782 करोड़ 38 लाख रुपये का प्राविधान किया गया। वर्ष 2016-17 में 12-12.50 लाख करोड़ रुपये की तुलना में वर्ष 2024-25 में प्रदेश की जीडीपी 25 लाख करोड़ रुपये हुई। उत्तर प्रदेश देश की नंबर दो अर्थव्यवस्था बन चुका है। एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है कि बिना कोई अतिरिक्त कर लगाए तथा कॉमन मैन को लोक कल्याणकारी योजनाओं के साथ जोड़ते हुए विगत सात वर्षों में प्रदेश के राजस्व में कई गुना वृद्धि हुई है।
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राज्य सरकार को राजकोषीय घाटा नियंत्रित करने में भी सफलता प्राप्त हुई है। विगत सात वर्षों में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई। वर्ष 2016-17 में बेरोजगारी दर 19.2 प्रतिशत से अधिक थी। यह घटकर लगभग 2.4 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश का ऋण जमा अनुपात भी 44 प्रतिशत से बढ़कर 57 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। बजट में 24,863 करोड़ 57 लाख रुपये लागत की नई योजनाएं सम्मिलित की गई हैं।
बजट में युवाओं के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। रोजगार प्रोत्साहन कोष का गठन कर इसके तहत ट्रेनिंग, इंटर्नशिप तथा अप्रेंटिसशिप को वित्त पोषण के साथ जोड़ा जाएगा। दो मेगा राजकीय आईटीआई की स्थापना, 69 आईटीआईके उन्नयन तथा वाराणसी में राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान की स्थापना का प्रस्ताव भी बजट में है। स्पोर्ट्स साइंस एंड इंजीनियरिंग सेंटर की स्थापना की कार्यवाही आगे बढ़ाई जा रही है। वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष की स्थापना तथा 22 हजार से अधिक मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्रों के रूप में अपग्रेड किया जाना प्रस्तावित है तो बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन को भी युद्ध स्तर पर पूरा करने की बात कही गई है।
बजट में फॉर्च्यून 500 कंपनियों के लिए एफडीआई पॉलिसी के क्रियान्वयन हेतु धनराशि की व्यवस्था के साथ आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण की कार्रवाई को प्राथमिकता दी गई है। आईआईटी कानपुर में मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी स्कूल तथा 500 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना के लिए भी बजट में स्थान दिया गया है।
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सरकार ने आमजन की धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखते हुए अयोध्या, काशी, मथुरा-वृंदावन, नैमिषारण्य, विंध्यवासिनी धाम, देवीपाटन, नाथ कारिडोर (बरेली) में थीम आधारित अवस्थापना विकास की कार्रवाई का प्राविधान है। प्रयागराज महाकुंभ को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने, कुंभ संग्रहालय की स्थापना सहित विभिन्न विकास कार्यों हेतु बजट मे प्राविधान किया गया है ।
(यह लेखक के निजी विचार हैं।)
-डॉ. सौरभ राय
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