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तावडू में भूमि अधिग्रहण को लेकर गतिरोध जारी, फिर धरने पर बैठे किसान

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नूंह। उपमंडल के गांव किरूरी में किसान पिछले डेढ माह से मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए है। गत बुधवार को काफी नौक झौक के बाद किसानों ने एसडीएम संजीव कुमार के आश्वासन पर निर्माण कम्पनी के कर्मचारियों व अधिकारियों ने निर्माण आरम्भ कर दिया था। लेकिन गुरुवार को किसान व किसान नेता एसडीएम कार्यालय पहुंच एसडीएम से मिले और संतुष्ट न होने के कारण पुन: कार्य बंद कराने की चेतावनी दी। इस दौरान किसानों व प्रशासन द्वारा आगे की रणनिति की तैयारी शुरू कर दी गई है।

किसानों और सरकार

भूमि अधिग्रहण को लेकर गतिरोध

उल्लेखनीय है कि कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के निर्माण के बीच में किसानों और सरकार के बीच भूमि अधिग्रहण को लेकर गतिरोध है। हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा निर्मित की जा रही हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की लाइन में गांव सहसोला पट्टी, पाटुका, पीपाका, घुसपैठी, किरूरी, धुलावट व मेंढला गांव के तीन सौ से अधिक किसानों की करीब 60 एकड़ भूमि अधिग्रहण की गई। जिसमें अरावली पर्वत क्षेत्र समेत ऑर्बिटल लाइन के लिए करीब 5 किलोमीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। जिसका मुआवजा लेने के लिए किसानों की मांग है। जबकि रेलवे बोर्ड का तर्क है कि सुरंग के लिए कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है। किसानों का कहना है कि सुरंग के लिए अधिकृत भूमि बहुत ही उपजाऊ थी। बिना मुआवजा निर्माण कार्य शुरू करने से भूमि में किसानों के बोरवेल, मकान व पेड़ पौधे खराब हो गए। किसानों ने बताया कि इसी क्षेत्र से वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रंटकॉरिडोर रेल लाइन का भी निर्माण हुआ है। उस लाइन में भी अरावली वन क्षेत्र सहित गांव में सुरंग के लिए भूमि अधिग्रहण की गई। जिसमें रेलवे विभाग की ओर से उचित मुआवजा किसानों को दिया था।

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धरना

किसानों को मुआवजा

केएमपी एक्सप्रेस वे के साथ प्रस्तावित ऑर्बिटल रेलवे लाइन के लिए लगभग 5 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जानी है। जिन किसानों की भूमि के नीचे से सुरंग बनाई जा रही है, वह किसान मुआवजे के लिए मांग कर रहे है। रेलवे विभाग की तरफ से किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया। यह किसान मुआवजे की मांग को लेकर गत 29 दिसंबर से धरने पर हैं। किसानों ने गत 3 दिन पूर्व गांव किरूरी से स्थान बदल निर्माण स्थल पर धरना देते हुए कार्य बंद कराया था। जो बुधवार को एसडीएम के आश्वासन पर आरम्भ हो गया था। लेकिन गुरुवार को असंतुष्ट किसानों ने फिर से कार्य बंद करने की चेतावनी दी है। किसानों ने बताया कि सुरंग निकलने के कारण उनके बहुत से बोरवेल फेल हो गए है। भूमि का उपजाऊपन भी खत्म हो रहा है। सुरंग वाली भूमि के उपर भवन निर्माण भी नहीं किया जा सकता। इस लिए उनकी किसी काम की नही। इसलिए इसका मुआवजा सरकार को देना चाहिए।

निवासियान हमीद मास्टर

इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष आजाद कंकरखेडी, युवा किसान नेता आबिद हुसैन, गांव किरूरी से रुस्तम नंबरदार, गांव धुलावट निवासियान हमीद मास्टर, सुब्बे खांन व गांव घुसपैठी निवासी मुबीन आदि क्षेत्र के किसान मौजूद रहे।एसडीएम संजीव कुमार ने बताया कि गुरूवार को मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान उनसे मिले थे। जिन्हें बताया गया कि रेलवे विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टनल निर्माण के लिए मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है।

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