Friday, November 8, 2024
31.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeHARYANAसब्जियों की खेती में बांस व लोहे की स्टैकिंग पर दिया जा...

सब्जियों की खेती में बांस व लोहे की स्टैकिंग पर दिया जा रहा है अनुदान

Google News
Google News

- Advertisement -

लाडवा। बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ. सत्येंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा सब्जियों में बांस व लोहे की स्टैकिंग, प्लास्टिक मल्चिंग, प्लास्टिक टनल या सूक्ष्म सिंचाई का प्रयोग करने के लिए किसानों को अनुदान दिया जा रहा है। डॉ. यादव ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को बागवानी पोर्टल होर्टनेट.जीओवी.इन पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आधुनिक युग में खेती में नई-नई तकनीकों का आविष्कार किया जा रहा है।

खेती में स्टैंकिंग

सब्जियों की खेती में स्टैंकिंग ऐसी विधि है, जिसे अपनाकर किसान अच्छा लाभ कमा सकते है। इस विधि द्वारा मुनाफा और फसलों की पैदावार भी अधिक होती है। उन्होंने कहा कि बांस व लौह स्टैकिंग पर अलग-अलग अनुदान दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा बांस स्टैकिंग की 62500 रुपए प्रति एकड़ लागत पर 31250 से लेकर 56250 रुपए तथा लोहे स्टैकिंग की 1 लाख 41 हजार रुपए प्रति एकड़ लागत पर 70500 से लेकर 1 लाख 26 हजार रुपए तक अनुदान किया जा रहा है। दोनों तरह की स्टैकिंग पर अधिकतम अनुदान क्षेत्र एक से 2.5 एकड़ है।

यह भी पढ़ें : ग्लोब क्रिकेट अकादमी का हुआ शुभारम्भ

स्टैकिंग तकनीक

स्टैकिंग तकनीक से पहले किसान पुरानी तकनीक से ही सब्जियों और फलों की खेती करते थे। लेकिन अब किसान इस तकनीक का इस्तेमाल कर खेती कर रहे है, क्योंकि यह बहुत ही आसान है। इस तकनीक में बहुत ही कम सामान का प्रयोग होता है। इसमें बांस व लोहे के सहारे तार और रस्सी का जाल बनाया जाता है।

खबरों के लिए जुड़े रहे : https://deshrojana.com/

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

जॉन एलिया: एक शायर की दर्द भरी कहानी

अदब और मोहब्बत का गहरा रिश्ता अदब का ख़्याल मन में आए, मोहब्बत का ख़्याल मन में आए, हिज्र के दर्द की चुभन सुनाई दे,...

पैदल चलने के फायदे: सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी

पैदल चलना, यानी साइकिल चलाना, न केवल एक मज़ेदार गतिविधि है, बल्कि यह सेहत और पर्यावरण के लिए भी बेहद फ़ायदेमंद है। पैदल चलने...

बोधिवृक्ष

धन-संपत्ति से नहीं मिलता सच्चा सुखअशोक मिश्रहमारे देश में प्राचीन काल से ही धन-संपत्ति को हाथ की मैल माना जाता था। मतलब यह कि...

Recent Comments