International Women’s Day : महिलाएं समाज का वो अहम हिस्सा हैं जो ना केवल घरों को संभालती हैं बल्कि बदलते वक़्त के साथ देश और दुनिया में भी नाम कमा रही हैं। महिलाएं अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर समाज कल्याण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहीं हैं। महिलाओं के महत्व और उनके योगदान को बढ़ावा देने के लिए हर साल 08 मार्च को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर यह दिन 8 मार्च की तारीख को ही क्यों चुना गया और इसकी शुरुआत कैसे हुई? आइए जानते हैं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के बारे में..
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास
इतिहासकारों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) वास्तव में एक मजदूर आंदोलन की उपज है। दरअसल 28 फरवरी 1908 को महिलाओं ने अपने अधिकार के लिए आन्दोलन शुरू किया था। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में अपने अधिकारों के लिए महिलाएं सड़क पर उतर आईं थीं।
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत
अमेरिका में महिलाओं के आन्दोलन के बाद सरकार को उनकी मांगों के आगे झुकना पड़ा था। जिसके बाद सरकार ने उनकी मांगे पूरी करते हुए हर साल महिला दिवस (Women’s Day) मनाने की घोषणा की। हालांकि महिला दिवस (Women’s Day) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का विचार क्लारा ज़ेटकिन (Clara Zetkin) नाम की महिला का था। क्लारा ज़ेटकिन (Clara Zetkin) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिला दिवस (Women’s Day) को मनाने का प्रस्ताव वर्ष 1910 में रखा था।
जिसके बाद ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में पहली बार साल 1911 में महिला दिवस (Women’s Day) मनाया गया। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने महिला दिवस (Women’s Day) को आधिकारिक तौर पर मान्यता 1975 में दी थी। जिसे मनाने के लिए 8 मार्च की तिथि निर्धारित की गई। तब से हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) देश और दुनिया में 8 मार्च को ही मनाया जाता है।
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