Champions Trophy: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने चैम्पियंस ट्राफी के कार्यक्रम में अपनी टीम का भारत के खिलाफ मैच अगले साल एक मार्च को रखा है। हालांकि, बीसीसीआई (BCCI) ने अभी तक इस पर सहमति नहीं दी है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के एक सीनियर सदस्य ने बुधवार को यह जानकारी दी।
Champions Trophy: लाहौर में ही होंगे भारत के सभी मुकाबले
बता दें कि इस टूर्नामेंट (Champions Trophy) का आयोजन अगले साल 19 फरवरी से 9 मार्च तक होगा। इसमें 10 मार्च ‘रिजर्व डे’ रखा गया है। जानकारी के मुताबिक पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नकवी ने 15 मैच का कार्यक्रम सौंप दिया है। इसमें भारत के मैच सुरक्षा और ‘लॉजिस्टिकल’ कारणों से लाहौर में ही रखे गए हैं। नकवी को टी20 विश्व कप फाइनल देखने के लिए बारबाडोस में आमंत्रित किया गया था।
पीसीबी ने आईसीसी को सौंपा Champions Trophy का कार्यक्रम
आईसीसी बोर्ड के सदस्य ने कहा कि पीसीबी ने आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी (Champions Trophy) के 15 मैच के कार्यक्रम का मसौदा सौंप दिया है। इसमें सात मैच लाहौर में, तीन मैच कराची और पांच मैच रावलपिंडी में रखे गए हैं। सूत्र के हवाले से बताया गया कि पहला मैच कराची में रखा गया है। दो सेमीफाइनल कराची और रावलपिंडी में रखा गया है। फाइनल मुकाबला लाहौर में कराया जाएगा।
ग्रुप ए में भारत के साथ पाक और न्यूजीलैंड भी
भारत के सभी मैच (Champions Trophy) (टीम के क्वालीफाई करने के स्थिति में सेमीफाइनल सहित) लाहौर में रखे गये हैं। भारत को ग्रुप ए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के साथ रखा गया है। ग्रुप बी में आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और अफगानिस्तान शामिल हैं। हाल में आईसीसी के टूर्नामेंट प्रमुख क्रिस टेटले ने पीसीबी चेयरमैन नकवी से इस्लामाबाद में मुलाकात की थी। इससे पहले विश्व संस्था की सुरक्षा टीम ने स्थल और अन्य इंतजामों का मुआयना किया था।
एशिया कप में हाइब्रिड मॉडल में हुए थे मैच
पिछली बार पाकिस्तान ने 2023 में ‘हाइब्रिड मॉडल’ के हिसाब से एशिया कप की मेजबानी की थी। इसमें भारत ने अपने मैच श्रीलंका में खेले थे, क्योंकि सरकार ने खिलाड़ियों को सीमा के बाहर यात्रा करने की अनुमति नहीं दी थी। सूत्र ने कहा कि आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी के प्रतिभागी देशों के (बीसीसीआई के इतर) सभी बोर्ड प्रमुखों ने पूरा समर्थन दिया है लेकिन बीसीसीआई सरकार से सलाह मश्विरा करके आईसीसी को अपडेट करेगा। आईसीसी किसी भी बोर्ड को अपनी सरकार की नीति के खिलाफ जाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता जिससे यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में बीसीसीआई कब फैसला करता है।