गाजा पर इजराइल के हमले के नौ महीने हो चुके हैं। दोनों ओर भारी तबाही का मंजर है। आम नागरिक से लेकर सैन्यकर्मी, हजारों की संख्या में लोगों ने जान गंवाए हैं। इस युद्ध का असर पूरे विश्व पर पड़ रहा है। इस युद्ध (Gaza-Israel war) में लोगों का इलाज कर उनकी जान बचाने वाले डॉक्टरों की भी जान गई है। हाल के हमलों में गाजा में बड़ी संख्या में चिकित्सक भी मारे गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अब इस क्षेत्र के लोगों का अब इलाज कैसे होगा।
डॉ. हसन हमदान गाजा के कुछ उन प्लास्टिक सर्जनों में शामिल थे जिन्हें अपने काम में महारत हासिल थी। इजराइल के हमलों में जब अस्पताल घायलों से भर गए तो 65 वर्षीय डॉ हमदान सेवानिवृत्त होने के बावजूद लोगों के उपचार के लिए आगे आए। इस महीने की शुरुआत में इजराइल के हवाई हमले (Gaza-Israel war) में डॉ हमदान, उनकी पत्नी, बेटे, दो बेटियों, एक बहू, एक दामाद, छह पोते-पोतियों मारे गए। ये लोग उस जगह पर शरण लिए हुए थे जिसे इजराइली ने ‘‘सुरक्षित क्षेत्र’’ घोषित किया था।
गाजा में हमास के साथ इजरायल के युद्ध (Gaza-Israel war) ने इस क्षेत्र की चिकित्सा प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है। इसने न केवल अस्पतालों और स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि गाजा के चिकित्साकर्मियों को भी तबाह कर दिया है। संयुक्त राष्ट के अनुसार अक्टूबर से अब तक 500 से अधिक स्वास्थ्यसेवा कर्मी मारे जा चुके हैं। इनमें डॉ हमदान जैसे कई विशेषज्ञ शामिल हैं। अप्रैल में इजराइली बलों के हमले में डॉ. अहमद अल मकदमा मारे गए थे। वह भी मशहूर सर्जन थे और यू.के. रॉयल कॉलेज के पूर्व फेलो भी थे। हमले में उनकी मां गाजा सिटी के शिफा अस्पताल के बाहर मृत पाई गई थीं। डॉ अहमद की मां भी पेशे से चिकित्सक थीं।
गाजा में प्रमुख प्रसूति चिकित्सकों में से एक उमर फरवाना अक्टूबर में अपने घर पर हुए हमले (Gaza-Israel war) में परिवार के साथ मारे गए थे। क्षेत्र में लिवर प्रतिरोपण करने वाले एकमात्र चिकित्सक डॉ हमाम अलोह गाजा शहर में हमले में मारे गए। नवंबर में उत्तरी गाजा के एक अस्पताल पर इजरायली हमलों में ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के साथ काम करने वाले दो चिकित्सक मारे गए थे। अमेरिकी सेना में प्लास्टिक सर्जन रह चुके डॉ. एडम हमावी ने कहा कि डॉ हमदान की मौत से ऐसा नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई मुश्किल है। डॉ एडम ने मई में गाजा में सेवाएं दी थीं।
गाजा में अन्य लोगों की तरह उनका भी मानना है कि इजराइल जानबूझकर स्वास्थ्य प्रणाली को नष्ट कर रहा है। मसलन वह अस्पतालों में छापे मार रहा है, चिकित्सा परिसर को नष्ट कर रहा है एंबुलेस को निशाना बना रहा है। वहीं इजराइल का कहना है कि वह हमास को निशाना बना रहा है। इजराइल का आरोप है कि हमास अस्पतालों को कमान केन्द्र की तरह और एम्बुलेंस को परिवहन के लिए इस्तेमाल करता है।