Monday, December 23, 2024
14.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeLATESTSupreme Court: इससे ज्यादा चार्ज नहीं ले पाएंगे बार काउंसिल, जानिए क्या...

Supreme Court: इससे ज्यादा चार्ज नहीं ले पाएंगे बार काउंसिल, जानिए क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला

Google News
Google News

- Advertisement -

मंगलवार को नए वकीलों के एनरोलमेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court: ) ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य बार काउंसिल एडवोकेट्स एक्ट में दिए प्रावधान से ज्यादा राशि नहीं ले सकते। न्यायालय ने कहा कि राज्यों की बार काउंसिल सामान्य और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) श्रेणी के विधि स्नातकों का वकीलों के रूप में पंजीकरण करने के लिए क्रमश: 650 रुपये और 125 रुपये से अधिक शुल्क नहीं ले सकती हैं।

Supreme Court: कानूनी प्रावधानों की नहीं हो सकती है अवहेलना

न्यायालय ने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम के तहत विधि स्नातकों को वकील के रूप में पंजीकृत करने के लिए अधिकृत बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) और राज्य बार काउंसिल संसद द्वारा बनाए गए कानूनी प्रावधानों की अवहेलना नहीं कर सकतीं। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने वकीलों के पंजीकरण के लिए राज्य बार काउंसिल द्वारा लिए जा रहे अत्यधिक शुल्क को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

Supreme Court: कानून बनकर ही शुल्क में हो सकता है संशोधन

पीठ ने अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 24 का हवाला देते हुए कहा कि विधि स्नातक के लिए वकील के रूप में पंजीकरण के वास्ते शुल्क 650 रुपए है और संसद ही कानून में संशोधन करके इसे बढ़ा सकती है। शीर्ष अदालत ने 10 अप्रैल को इन याचिकाओं पर केंद्र, बीसीआई और अन्य राज्य बार निकायों को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि इन याचिकाओं में अहम मुद्दा उठाया गया है। याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि अत्यधिक पंजीकरण शुल्क वसूलना कानूनी प्रावधान का उल्लंघन है और बीसीआई को यह सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए कि ऐसा न किया जाए।

ओडिशा में 42,100 रुपए देना पड़ता है शुल्क

अदालत ने नोटिस जारी करते हुए कहा था कि उदाहरण के लिए, याचिकाकर्ता का आरोप है कि ओडिशा में पंजीकरण शुल्क 42,100 रुपए, गुजरात में 25,000 रुपए, उत्तराखंड में 23,650 रुपए, झारखंड में 21,460 रुपए और केरल में 20,050 रुपए है। याचिका में कहा गया कि इतने अधिक शुल्क के कारण वकील बनने के इच्छुक उन युवाओं को पंजीकरण से वंचित होना पड़ता है, जिनके पास आवश्यक संसाधन नहीं होते

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

employment fair:प्रधानमंत्री मोदी कल 71,000 नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम(employment fair:) से केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में नई भर्तियों के तहत 71,000 से अधिक नियुक्ति...

mahakumbh2025:कीट मुक्त रखने के लिए ‘फॉगिंग मशीनों’ और ‘ब्लोअर मिस्ट’ का होगा इस्तेमाल

महाकुम्भ (mahakumbh2025:)में इस बार स्वच्छता के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है, जिसके तहत मेले को मच्छर और मक्खियों से मुक्त रखने के...

Rajasthan Sitharaman:निर्मला सीतारमण ने तनोट राय माता मंदिर में किया दर्शन

(Rajasthan Sitharaman:) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित प्रसिद्ध तनोट राय माता मंदिर के दर्शन किए। इस अवसर...

Recent Comments