दिल्ली हाई कोर्ट ने राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर(Coaching Incident: ) के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की डूबने से हुई मौत के मामले की जांच शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंप दी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने आपराधिक मामले में सीबीआई द्वारा की जा रही जांच की निगरानी के लिए केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC) को एक वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त करने को कहा।
Coaching Incident: हाई कोर्ट का कटाक्ष,गनिमत है पानी का चालान नहीं काटा
अदालत ने दिल्ली पुलिस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस तरह से आपने वाहन चालक को वहां कार चलाने के लिए गिरफ्तार किया, गनीमत है कि आपने बेसमेंट में घुसने के लिए बारिश के पानी का चालान नहीं काटा। वाहन चालक मनुज कथूरिया पर आरोप है कि वह 27 जुलाई को अपना वाहन लेकर जलमग्न सड़क से गुजरे थे और पानी तीन मंजिला इमारत के गेट से टकराया। पानी के इमारत से टकराने के कारण उस इमारत का गेट टूट गया जहां कोचिंग सेंटर स्थित था। इससे इमारत के बेसमेंट में पानी भर गया और उसमें डूबने से तीन छात्रों की मौत हो गई।
MCD को फटकार
अदालत ने छात्रों के डूबने की घटना के लिए पुलिस और दिल्ली नगर निगम (MCD) को फटकार लगाते हुए कहा कि वह यह समझ पाने में असमर्थ है कि छात्र बाहर कैसे नहीं आ सके। पीठ ने सवाल किया कि एमसीडी अधिकारियों ने क्षेत्र में बरसाती नालों के ठीक ढंग से काम नहीं करने के बारे में आयुक्त को सूचित क्यों नहीं किया? पीठ ने कहा कि एमसीडी अधिकारियों को कोई परवाह नहीं है और यह एक सामान्य बात हो गई है। उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की और कहा कि दिल्ली के प्रशासनिक, वित्तीय, भौतिक ढांचे पर पुनर्विचार का समय आ गया है। साथ ही अदालत ने राजेंद्र नगर में अतिक्रमण, अनधिकृत निर्माण को हटाने का आदेश दिया जिसमें नालों पर किया गया अतिक्रमण भी शामिल है।
अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी
इस बीच राजेंद्र नगर में स्थित कोचिंग सेंटर में हुई मौतों के विरोध में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों ने अपना विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को छठे दिन भी जारी रखा। इस बीच, कई लोग विरोध स्थल पर पढ़ाई करते देखे गए।
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