स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को केंद्र सरकार के सभी सरकारी अस्पतालों(Hospital Security: ) में लागू किए जाने वाले सुरक्षा उपायों की एक व्यापक सूची जारी की है। इस सूची में प्रवेश और निकास पर कड़ी निगरानी रखने के साथ-साथ रात के समय महिला स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षित परिवहन सुविधा प्रदान करने का निर्देश भी शामिल है। ये कदम देश भर में रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा चलाए जा रहे विरोध प्रदर्शन के बीच उठाया गया है। ये प्रदर्शन एक हालिया घटना के विरोध में हैं, जिसमें कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या की गई थी। इस घटना ने स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की ओर ध्यान आकर्षित किया है, जिससे एक विशेष कानून की मांग की जा रही है।
Hospital Security: ड्यूटी के दौरान बुनियादी सुविधाओं का मिलेगा लाभ
मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों में केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों के प्रमुखों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि महिला स्वास्थ्यकर्मियों को ड्यूटी के दौरान बुनियादी सुविधाएं और पर्याप्त सुरक्षा मिले। विशेष रूप से, रात के समय महिला स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती के मामले में, उन्हें एक से अधिक संख्या में तैनात किया जाए, ताकि वे अकेली न हों और उन्हें सुरक्षा का पर्याप्त अनुभव हो सके। इसके अलावा, ड्यूटी के दौरान महिला स्वास्थ्यकर्मियों को अस्पताल परिसर में कहीं भी जाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।
रात में परिवहन की व्यवस्था होगी
मंत्रालय ने यह भी सुनिश्चित करने पर जोर दिया है कि रात में महिला स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था की जाए, ताकि वे बिना किसी डर के अपने घर पहुंच सकें। यह कदम न केवल वर्तमान में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण उठाया गया है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने और अस्पतालों में एक सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भी लिया गया है। इस प्रकार, स्वास्थ्य मंत्रालय का यह निर्णय स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।