कोलकाता की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित बलात्कार और हत्या (Kolkata Murder Case: )के मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति दे दी। यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब चिकित्सक का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला, और सीसीटीवी फुटेज में संजय रॉय को वहां प्रवेश करते हुए देखा गया था। इसके अलावा, चिकित्सक के शव के पास से एक ब्लूटूथ डिवाइस भी बरामद हुआ था, जिससे मामले में रॉय की संलिप्तता की पुष्टि हुई।
Kolkata Murder Case: पुलिस का दावा संजय ने की है चार शादियां
संजय रॉय, जो 33 साल का है, वर्ष 2019 में एक नागरिक स्वयंसेवक के रूप में कोलकाता पुलिस में शामिल हुआ था। पुलिस ने दावा किया है कि रॉय ने कम से कम चार शादियां की हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए, दिल्ली में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के विशेषज्ञ रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट करेंगे। इसके साथ ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) रॉय की डीएनए और मनोविश्लेषण रिपोर्ट का भी इंतजार कर रही है, जो इस जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
सीबीआई का दावा,स्थानिय पुलिस ने मामले को छुपाने की कोशिश की
सीबीआई ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में यह दावा किया था कि स्थानीय पुलिस ने इस मामले को छुपाने की कोशिश की थी। सीबीआई के अनुसार, उनके जांच का जिम्मा संभालने से पहले अपराध स्थल से छेड़छाड़ की गई थी, जिससे जांच प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हुई। इस मामले के चलते अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों और अन्य स्टाफ के बीच व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ है।
घटना के अगले दिन ही संजय की हुई थी गिरफ्तारी
यह घटना 9 अगस्त की सुबह सामने आई, जब चिकित्सक का शव अस्पताल के छाती रोग विभाग के सेमिनार हॉल के अंदर पाया गया। इसके अगले दिन ही, संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश फैलाया और कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया। इसके बाद, सीबीआई ने 14 अगस्त से इस मामले की जांच शुरू की थी।