रेलवे बोर्ड ने अपने विभिन्न जोन से नॉन-इंटरलॉक्ड लेवल क्रॉसिंग गेट(Railway News: ) की पहचान करने को कहा है, जिन्हें चौबीसों घंटे सड़क यातायात के लिए खुला रखा जा सकता है। वर्तमान में, ऐसे गेट हर समय बंद रहते हैं, चाहे ट्रेन की आवाजाही हो या न हो। इन्हें तभी खोला जाता है, जब कोई वाहन पार करना चाहता है, बशर्ते उस समय कोई ट्रेन न गुजर रही हो। रेलवे बोर्ड के 23 अगस्त, 2024 को जारी परिपत्र के अनुसार, सुरक्षा में सुधार के लिए इन गेटों को दिन-रात सड़क यातायात के लिए खुला रखना वांछनीय है। बोर्ड ने क्षेत्रीय रेलवे से ऐसे गेट की पहचान कर, कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा है।
Railway News: अब गेट हमेशा खुले रहेंगे
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इंटरलॉक्ड लेवल क्रॉसिंग गेट में सिग्नल तब ही हरा होता है जब गेट लॉक होते हैं, जिससे सुरक्षा बनी रहती है। जबकि नॉन-इंटरलॉक्ड गेट में सिग्नल और गेट के संचालन के बीच कोई समन्वय नहीं होता। इसलिए ये गेट अधिकतर समय बंद रहते हैं और सड़क यातायात के लिए तभी खोले जाते हैं, जब ट्रेन नहीं गुजर रही होती। नए प्रस्ताव के तहत, ये गेट हर समय खुले रहेंगे और केवल ट्रेन गुजरने पर ही बंद होंगे।
एआईएसएमए को रास नहीं आया प्रस्ताव
हालांकि, ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन (एआईएसएमए) ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है। एआईएसएमए के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हेमराज मीना ने कहा कि इससे ट्रेनों के सुरक्षित संचालन में खतरा हो सकता है। अगर स्टेशन मास्टर से मानवीय भूल हो जाती है, तो यह न सिर्फ सड़क यातायात बल्कि ट्रेन संचालन के लिए भी असुरक्षित साबित होगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह कदम संभवतः स्थानीय निवासियों द्वारा गेटमैन पर हमले बढ़ने के कारण उठाया गया है, जो गेट खोलने में देरी होने पर गेटमैन पर हमला कर देते हैं। हालांकि, मीना ने कहा कि यह स्टेशन मास्टरों के लिए एक अतिरिक्त जिम्मेदारी होगी, जिनके पास पहले से ही कई अन्य दायित्व हैं।