पश्चिम बंगाल(West Bengal BJP: ) में राज्य सचिवालय तक मार्च के दौरान पुलिस कार्रवाई के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा बुलाए गए 12 घंटे के बंद से बुधवार को कई इलाकों में जनजीवन प्रभावित हुआ। सुबह से ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में रेल और सड़क अवरोधों के कारण सार्वजनिक परिवहन सेवाओं पर असर पड़ा, जिससे लोगों को काफी असुविधा हुई।
West Bengal BJP: कई दफ्तरों में वर्क फ्राम होम
राजधानी कोलकाता में सड़कों पर सामान्य से कम चहल-पहल देखने को मिली। बसें, ऑटो रिक्शा और टैक्सियों की संख्या कम थी, जबकि निजी वाहन भी कम नजर आए। हालांकि, बाजार और दुकानें सामान्य रूप से खुली रहीं। स्कूल और कॉलेज खुले थे, लेकिन ज्यादातर निजी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति कम रही, क्योंकि उन्हें घर से काम करने को कहा गया था। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति सामान्य रही।
49 स्थानों पर रेल की पटरियों को किया गया अवरुद्ध
भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोलकाता के सियालदाह, श्यामबाजार, बड़ाबाजार और विप्रो मोड़ समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन किए। पुलिस ने यातायात बाधित करने वाले प्रदर्शनकारियों को सड़कों से हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई की। पूर्वी रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार, बंद समर्थकों ने राज्य में 49 स्थानों पर रेल की पटरियों को अवरुद्ध कर दिया था, जिनमें से ज्यादातर सियालदाह दक्षिण सेक्शन पर स्थित थे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने उत्तर 24 परगना के बनगांव स्टेशन, दक्षिण 24 परगना के गोचरण स्टेशन और मुर्शिदाबाद स्टेशन पर भी प्रदर्शन किया। बैरकपुर स्टेशन पर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। सड़कों पर धरना-प्रदर्शन के कारण कूचबेहार, अलीपुरद्वार, सिलीगुड़ी, मालदा, पुरुलिया, बांकुड़ा सहित कई स्थानों पर सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बाधित हुईं।
तृणमूल और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अपने गृह जिले पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम में विरोध मार्च का नेतृत्व किया। मालदा में एक सड़क अवरुद्ध करने को लेकर तृणमूल और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई, जिसे पुलिस ने तितर-बितर किया। अलीपुरद्वार में एक मुख्य सड़क अवरुद्ध करने के प्रयास के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हो गई। भाजपा ने ‘नबान्न अभियान’ में भाग लेने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में ‘बंगाल बंद’ का आह्वान किया था, जो सुबह छह बजे से शुरू हुआ। बंद के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए ‘दफा एक दाबी एक, मुख्यमंत्रीर पदत्याग’ जैसे नारे लगाए।