कर्नाटक के बेलगावी जिले के चिक्कोडी तालुका में एक दिगंबर जैन मुनि नंदी महाराज की हत्या कर दी गई। आरोपियों ने जैन मुनि के शव के कई टुकड़े कर गांव के एक बंद पड़े बोरवेल में उन्हें फेंक दिया। जांच के दौरान पुलिस ने दो लोगों नारायण बसप्पा माडी और हसन दलायथ को गिरफ्त में लिया है। पुलिस के अनुसार जैन मुनि की हत्या की वजह करीब 6 लाख रुपयों का लेन देन बताई जा रही है।
क्या है मामला
बीती 6 जुलाई को जैन मुनि नंदी महाराज के अचानक लापता हो जाने की खबर सामने आई। वे नंदी पर्वत स्थित आश्रम के अपने कमरे में नहीं मिले जबकि उनका पिच्छिका और कमंडल वहीं थे। 5 जुलाई को करीब रात 10 बजे तक उन्हें उनके कमरे में देखा गया था। आश्रम में ना मिलने पर जैन संत के शिष्यों की चिंता बढ़ गई। काफी खोजबीन के बाद भी जब उनका कुछ पता नहीं चला तो आचार्य कामकुमार नंदी चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष भीमप्पा उगारे ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद संदेह के आधार पर पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में ले लिया। दोनों ने पूछताछ के दौरान अपना गुनाह कबूल किया। वारदात को किस स्थान पर अंजाम दिया गया और शव को कहां फेंका इस बात को लेकर दोनों आरोपी काफी समय तक पुलिस को गुमराह करते रहे।
कटकभावी गांव में एक बोरवेल से पुलिस ने 8 जुलाई को साड़ी में बंधे जैन मुनि के शव के टुकड़े बरामद किए। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव के टुकड़ों को जैन समाज को सौंप दिया। मुंबई में 2009-10 में चातुर्मास करने के बाद आचार्य कामकुमार हिरेकोड़ी आश्रम में ही रह रहे थे। कर्नाटक के बेलगाम जिले 6 जून 1967 को जन्मे जैन मुनि को उनके बचपन में भ्रमप्पा के नाम से जाना जाता था। आचार्य कामकुमार, आचार्य कुंथुसागर से दीक्षा लेकर मुनि बने।
हत्या को लेकर समाज और सरकार ने क्या कहा?
- आचार्य कामकुमार की हत्या के बाद जैन संत वरुरु गुणधर नंदी महाराज ने हुबली में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वहीं धरने पर बैठे जैन समाज के लोगों ने मांग की है कि इस घटना की सीबीआई जांच कराई जाए।
- वहीं जैन मुनि की हत्या के बाद से सरकार पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकार की तरफ से इस मामले को टालमटोल किया जा रहा है क्योंकि जैन समुदाय एक छोटा वोट बैंक है। इसी बीच कर्नाटक में बीजेपी प्रमुख नलिन कुमार कतील ने सरकार से सभी साधु-संतों को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा।
- कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि ‘पुलिस प्रशासन बेहद काबिल है, जिसने आरोपियों को तुंरत गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल जांच जारी है इसलिए मुझे नहीं लगता कि केस को किसी दूसरी एजेंसी को दिया जाना चाहिए। सरकार के द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा की ऐसी घटनाएं दुबारा ना हों।’
राज्य सरकार ने कहा जैन समाज जांच से है संतुष्ट
इधर कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि ‘जैन समाज के सभी लोग राज्य सरकार की जांच से संतुष्ट हैं और उन्होंने केस की जांच किसी दूसरी एजेंसी से कराने के लिए कोई दबाव नहीं डाला है। जहां तक बीजेपी का सवाल है तो वे जो चाहें मांग कर सकते हैं। फिलहाल रिपोर्ट आने दीजिए। जैन समाज जानता है कि सरकार का कोई अनैतिक इरादा नहीं है। यह एक व्यक्तिगत झगड़ा लगता है, चूंकि बीजेपी के पास उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे इसे सांप्रदायिक आधार पर उठाना चाहते हैं।’