‘डेमोक्रेटिव प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी’ (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी(kashmir election Azad: ) आजाद ने मंगलवार को मतदाताओं से जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण में अपने मताधिकार का उपयोग करने की अपील की। आजाद ने यहां अपने मताधिकार का उपयोग करने वाले पहले मतदाताओं में से एक के रूप में मतदान किया। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है और क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय दलों ने इस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है।
kashmir election Azad: शाम 6 बजे तक मतदान समाप्त होगा
जम्मू-कश्मीर के तीसरे चरण के चुनाव में जम्मू क्षेत्र के जम्मू, उधमपुर, कठुआ और सांबा तथा उत्तर कश्मीर के बारामूला, बांदीपोरा और कुपवाड़ा सहित कुल 40 विधानसभा सीटों पर सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ। मतदान शाम 6 बजे समाप्त होगा।
पहले घंटे में ही आजाद ने अपने मत का किया प्रयोग
आजाद ने मतदान शुरू होने के पहले घंटे में सरकारी कन्या उच्च माध्यमिक स्कूल, गांधी नगर में वोट डाला। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “हर मतदाता—चाहे वह पुरुष हो या महिला, बुजुर्ग हो या युवा—उसे मतदान करने के लिए बाहर आना चाहिए, क्योंकि यह चुनाव 10 साल के लंबे अंतराल के बाद हो रहा है। यह उनका चयन है कि वे किसे, किस पार्टी या उम्मीदवार को वोट देना चाहते हैं, लेकिन उन्हें वोट जरूर करना चाहिए।”
आजाद ने कहा , लोकतंत्र में असली आधार जनता
अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए पात्र बने पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों, वाल्मीकि और गोरखा समुदाय के मुद्दों पर पूछे जाने पर आजाद ने कहा कि कुछ मुद्दे 1947 से ही हैं और उनका उपयोग हमेशा विभिन्न दल अपने राजनीतिक लाभ के लिए करते रहे हैं।उन्होंने कहा, “वर्तमान में राज्य का दर्जा, अनुच्छेद 35ए और बढ़ती बेरोजगारी जैसे मुद्दे हैं। बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है, जो हर धर्म और युवाओं के भविष्य से जुड़ी हुई है। किसी भी क्षेत्रीय या राष्ट्रीय पार्टी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर उतना ध्यान नहीं दिया, जितना उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान देना चाहिए था।”चुनाव के बाद डीपीएपी या किसी और के ‘किंगमेकर’ के रूप में उभरने की संभावना पर आजाद ने कहा कि लोकतंत्र में असली आधार जनता होती है, ना कि राजनीतिक दल। उन्होंने कहा, “यह जनता ही है जो आपको सत्ता में लाती है। हमें इसे मतदाताओं पर छोड़ देना चाहिए और देखना चाहिए कि वे किसे सत्ता सौंपना चाहते हैं।”