केंद्रीय गृह मंत्रालय की रणनीति के कारण नक्सल (Naxalism) प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को महत्वपूर्ण सफलता मिल रही है। इस साल के पहले 9 महीनों में लाल आतंक पर बड़ा हमला किया गया है। सितंबर तक 723 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि सुरक्षा बलों की मुठभेड़ में 202 नक्सली मारे गए हैं और 812 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह सफाया कर दिया जाएगा, यानी तब तक देश में कोई ऐसा क्षेत्र नहीं रहेगा, जहां नक्सली गतिविधियां होंगी।
गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को नई दिल्ली में नकस्ल (Naxalism) प्रभावित यानी वामपंथी उग्रवाद (एलडब्लूई) से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। इस बैठक में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र, और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। बैठक में केंद्रीय मंत्रालयों के पांच केंद्रीय मंत्री और उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे, जो वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों में सहयोग कर रहे हैं। इसके अलावा, उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में भाग लेंगे।
Naxal के खात्मे के लिए कदम उठा रही केंद्र सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में, केंद्र सरकार मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित सभी राज्यों को इस समस्या से निपटने में हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। अमित शाह ने 6 अक्टूबर, 2023 को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली समीक्षा बैठक में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश दिए थे। मोदी सरकार की रणनीति के तहत, 2010 की तुलना में 2023 में हिंसा में 72% और मृत्यु दर में 86% की कमी आई है।
Naxalism से जुड़े लोगों की स्थिति
इस समय वामपंथी उग्रवाद (Naxal) अपनी अंतिम लड़ाई लड़ रहा है। 2024 में सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ कई सफलताएं मिली हैं। इस साल अब तक 202 नक्सली मारे गए हैं और 723 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। 2024 में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या अब मात्र 38 रह गई है।
विकास से जुड़ रहे Naxal प्रभावित इलाके
केंद्र सरकार ने नक्सल (Naxal) प्रभावित राज्यों के दूर-दराज के इलाकों में विकास योजनाएं पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं, जिसमें सड़क और मोबाइल कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अब तक 14,400 किलोमीटर सड़क निर्माण किया गया है और लगभग 6000 मोबाइल टावर लगाए गए हैं।