संजय मग्गू
हरियाणा में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपने चुनावी वायदे पूरे करने में जुट गए हैं। नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में जो फैसले लिए गए, उससे जाहिर हो गया है कि मुख्यमंत्री सैनी ने आगामी पांच साल की योजनाओं पर अभी से काम करना शुरू कर दिया है। नई सरकार आगामी पांच साल तक किस ढर्रे (मार्ग) पर चलेगी, इसकी स्पष्ट रूपरेखा का पता पहली ही मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले से चल जाता है। प्रदेश सरकार ने राज्य में कोटे में कोटा लागू करने का फैसला किया है। पिछली 30 अगस्त को सुप्रीमकोर्ट ने अपने एक फैसले में राज्य सरकारों को यह अधिकार दिया था कि वह चाहें तो अपने यहां अनुसूचित जातियों का उपवर्गीकरण कर सकती हैं। बस, सुप्रीमकोर्ट ने इसमें कुछ शर्तें तय की थीं कि अनुसूचित जाति के भीतर किसी एक जाति को 100 प्रतिशत कोटा नहीं दे सकती हैं। अनुसूचित जाति में शामिल किसी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना चाहिए। सुप्रीमकोर्ट की सात सदस्यीय बेंच का फैसला आने के बाद और चुनाव के दौरान भी घोषणा की थी कि वह नई सरकार बनने के बाद प्रदेश में अनुसूचित जातियों का उपवर्गीकरण करेंगे और प्रदेश में अनुसूचित जातियों में भी वंचित समुदाय को उनकी हिस्सेदारी के मुताबिक कोटा देंगे। यही वजह है कि विधानसभा चुनावों में भाजपा को सबसे ज्यादा वोट देने वालों में से एक अनुसूचित जाति के वंचित समुदाय का रहा है। वंचित अनुसूचित जातियों ने जी खोलकर भाजपा को वोट दिया जिसकी वजह से भाजपा प्रदेश में तीसरी बार लगातार सरकार बनाने का इतिहास रच पाई। अनुसूचित जातियों के उपवर्गीकरण का फैसला प्रदेश सरकार का एक क्रांतिकारी फैसला माना जाना चाहिए। वंचित अनुसूचित जातियों में 36 उपजातियां शामिल की गई हैं। इन 36 जातियों में वाल्मीकि, बरार, बेरार, बटवाल, बरवाला, बावरिया, बाजीगर, भंजारा, दागी, धानुक, डोगरी, धनगरी, महाशा, डोम, कोरी, कोली, मारीजा, नट, पासी, मेघ, मेघवाल आदि प्रमुख हैं। प्रदेश सरकार ने आज से ही अपने फैसले को लागू करने की घोषणा की है। प्रदेश सरकार के इस फैसले से अब अनुसूचित जातियों में भी वंचितों के विकास का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा, इसकी एक नई राह खुल गई है। सरकारी योजनाओं में इनकी भी भागीदारी तय होगी। अब तक जो समाज की मुख्यधारा में सबसे पीछे खड़े थे, वह मुख्यधारा में शामिल होकर अपना विकास कर सकेंगे। सरकारी नौकरियों में इन वंचितों को उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलेगा। भाजपा सरकार से पहले इन जातियों तक सरकारी योजनाओं का लाभ लगभग नहीं के बराबर पहुंचता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, इसकी पूरी उम्मीद है।
संजय मग्गू