हरियाणा के जींद में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी के कारण कृषि विभाग ने दो सुपरवाइजरों को निलंबित कर दिया है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह निर्णय पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर लिया गया। कृषि उपनिदेशक डॉ. गिरीश नागपाल ने बताया कि निलंबित किए गए सुपरवाइजरों के नाम संजीत और पुनीत हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों सुपरवाइजरों को पहले ही नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था। हालांकि, उन्होंने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया, जिसके कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। इन दोनों सुपरवाइजरों की जिम्मेदारी नरवाना क्षेत्र में थी, जहां पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं।
कृषि विभाग ने बताया कि अब तक 19 किसानों के खिलाफ पराली जलाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। यह स्थिति बहुत चिंताजनक है, क्योंकि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि यह वायु गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है। हरियाणा में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के लिए पराली जलाने को एक प्रमुख कारण माना जाता है।
सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है और किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। कृषि विभाग किसानों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम भी चला रहा है ताकि वे पराली को जलाने के बजाय अन्य तरीकों का उपयोग करें।
पराली जलाने के खतरे को कम करने के लिए, सरकार ने किसानों को विभिन्न तकनीकों के माध्यम से उनकी फसल के अवशेषों को प्रबंधित करने के तरीके बताए हैं। इसके लिए, मशीनरी और तकनीकी सहायता भी प्रदान की जा रही है।
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस समस्या का समाधान केवल प्रशासनिक कार्रवाई से नहीं, बल्कि किसानों की सोच और व्यवहार में बदलाव लाने से होगा। सरकार का लक्ष्य है कि किसान पराली जलाने के बजाय इसे compost बनाने या अन्य फसल उत्पादन के लिए उपयोग करें।
इस प्रकार, हरियाणा में पराली जलाने के मामलों की बढ़ती प्रवृत्ति पर नियंत्रण पाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके और वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।