भारत में किसान उत्पादक संगठन एक मिशन है। इस मिशन की मजबूती के लिए राज्यों को तत्पर होना होगा। राज्यों को एफपीओ के लिए खुद की नीति बनानी होगी। उक्त बातें कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव फैज अहमद किदवई ने नेशनल एसोसिएशन ऑफ फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (NAFPO) और समुन्नति द्वारा “स्टेट ऑफ द सेक्टर रिपोर्ट 2024” जारी करने के अवसर पर कही। इस महत्वपूर्ण रिपोर्ट का उद्देश्य भारत में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) से जुड़े प्रमुख मुद्दों और उभरते अवसरों पर ध्यान केंद्रित कर नीति निर्माण और क्षेत्रीय विकास को प्रेरित करना है।
अतिरिक्त सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि एनएएफपीओ और समुन्नति को इस ऐतिहासिक रिपोर्ट के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि “भारत में एफपीओ को एक उद्यमशील इकाई के रूप में विकसित करने के लिए मिशन मोड में काम हो रहा है। राष्ट्रीय नीति के साथ तालमेल रखते हुए राज्यों को अपनी एफपीओ नीति तैयार करनी चाहिए, जिससे कृषि विकास का एक संयुक्त दृष्टिकोण सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने यह भी कहा कि कृषि मंत्रालय का लक्ष्य 10,000 एफपीओ की पहुंच को और अधिक बढ़ाना है। अब तक एफपीओ 2.5 मिलियन किसानों को लाभान्वित कर चुकी है।
अतिरिक्त सचिव ने बताया कि देश में 45,000 से अधिक एफपीओ हैं। इनमें से 24 संगठनों ने 100 करोड़ जबकि करीब 400 एफपीओ ने 20 करोड़ रुपये का टर्नओवर पार कर लिया है।
एफपीओ संगठनों के सशक्तिकरण पर जोर
नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने कहा कि एफपीओ भारत के कृषि परिदृश्य को पुन: आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। “जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक एफपीओ फेडरेशनों को सशक्त करने से किसानों को मूल्य में उतार-चढ़ाव का सामना में मदद मिलेगी।
वहीं, समुन्नति के संस्थापक और सीईओ अनिल कुमार एसजी ने रिपोर्ट के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि “समुन्नति इस रिपोर्ट के साथ साझेदारी कर गर्व महसूस कर रही है। ‘स्टेट ऑफ द सेक्टर रिपोर्ट 2024’ एफपीओ के भविष्य को आकार देने के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होगा।
प्रवेश शर्मा ने बताया कि सरकार एफपीओ के लिए ओएनडीसी और ई-नाम जैसे प्लेटफॉर्म्स के जरिए सहायक इकोसिस्टम तैयार कर रही है, जो बाजार तक पहुंच को सुलभ बनाने और एफपीओ को मजबूत बनाने में सहायक होंगे। देश में वर्तमान में लगभग 75,000 पंजीकृत एफपीओ हैं, जिनमें से 45,000 सक्रिय हैं।
कार्यक्रम में एनएएफपीओ के निदेशक प्रवेश शर्मा, और एसएफएसी के प्रबंध निदेशक धीरज साहू समेत अन्य गणमान्य अतिथि शामिल रहे।