संजय मग्गू
प्रदूषण सबके लिए हानिकारक है, यह बात लगभग हर वह आदमी जानता है, जो बालिग हो चुका है। अब तो नाबालिग बच्चे भी प्रदूषण को लेकर बातचीत करने लगे हैं। इसके बावजूद समाज में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सब कुछ जानते हुए भी अपने वातावरण को प्रदूषित करने से बाज नहीं आ रहे हैं। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे उत्तर भारत के कई राज्य प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं। हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों को कई बार प्रदूषण रोकने की चेतावनी देने के बाद भी जब वायु गुणवत्ता सूचकांक को काबू में आता नहीं दिखा, तो अंतत: आज यानी गुरुवार को प्रदूषण का कारण बनने वाले लोगों पर केंद्र सरकार ने जुर्माने की राशि दो गुनी करने का आदेश सुनाया है। सुप्रीमकोर्ट पहले ही लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुका था। चार नवंबर को सुनवाई के दौरान उसने पंजाब और हरियाणा सरकार से दो हफ्ते में जवाब मांगा था। प्रदूषण के मामले में हरियाणा की हालत दिल्ली की ही तरह बदतर है। पिछले कुछ हफ्तों से प्रदेश के लगभग सभी जिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक दो सौ के आसपास या इससे ऊपर चल रहा है। सैनी सरकार ने पराली जलाने में लापरवाही बरतने के आरोपी 26 अफसरों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया है। कृषि विभाग के इन अफसरों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पिछले दिनों सैनी सरकार ने 24 अफसरों को एक साथ निलंबित कर दिया था। प्रदेश में अब तक कृषि विभाग के 392 अफसरों को नोटिस जारी किया जा चुका है, वहीं पराली जलाने के मामले में 720 किसानों की मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रेड एंट्री की जा चुकी है। प्रदेश सरकार की इतनी कवायद के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं नहीं रुक रही है। यही हाल पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों का भी है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को भी अब आगे आकर कड़े निर्णय लेने पड़ रहे हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली सरकार को नोटिफिकेशन के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया है कि अब से दो एकड़ खेत का मालिक पराली जलाता पाया गय, तो ढाई हजार की जगह उससे पांच हजार जुर्माना वसूला जाएगा। दो से पांच एकड़ खेत के मालिक किसान से दस हजार रुपये और पांच एकड़ से अधिक खेत के मालिक से पंद्रह की जगह तीस हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। इस पर भी बात नहीं बनी, तो भविष्य में केंद्र और हरियाणा में सैनी सरकार और भी सख्त कदम उठा सकती है। यह पूरे प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य का मसला है। इससे खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है। बच्चे, बूढ़े, जवान, स्त्री-पुरुष सभी कुछ लोगों की नादानी की वजह से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
संजय मग्गू