बिटक्वाइन ने एक ऐतिहासिक मील के पत्थर को पार करते हुए चांदी को पीछे छोड़ दिया है और अब यह दुनिया की 8वीं सबसे बड़ी संपत्ति बन गई है। इस उपलब्धि के साथ बिटक्वाइन का बाजार पूंजीकरण 1.736 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जबकि चांदी का बाजार पूंजीकरण गिरकर 2% घटने के बाद बिटक्वाइन से पीछे हो गया। बिटक्वाइन की कीमत में भी हाल ही में तेज़ी आई है, और आज इसकी कीमत 88,000 डॉलर को पार कर गई है, जो पिछले कुछ वर्षों में इसका सबसे ऊंचा स्तर है।
यह तेजी ऐसे समय में आई है जब बिटक्वाइन के प्रति निवेशकों की रुचि बढ़ी है और इसके मूल्य में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। हाल ही में बिटक्वाइन ने सोने के अलावा अन्य प्रमुख कंपनियों और परिसंपत्तियों को भी पीछे छोड़ दिया है। अब, बिटक्वाइन वैश्विक परिसंपत्ति रैंकिंग में केवल सोना, एनवीडिया, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, अमेज़न और सऊदी अरामको से ही पीछे है।
यह बदलाव निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है, क्योंकि बिटक्वाइन का मूल्य और बाजार पूंजीकरण उस क्षेत्र में स्थापित पारंपरिक निवेश विकल्पों से प्रतिस्पर्धा कर रहा है। बिटक्वाइन की बढ़ती लोकप्रियता और इसकी डिजिटल संपत्ति के रूप में स्वीकार्यता, इसे वैश्विक वित्तीय प्रणाली में एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकती है।
कोबेस्सी लेटर, जो एक अग्रणी संस्था है जो पूंजी बाजार की निगरानी करती है, ने बिटक्वाइन की इस उपलब्धि को एक महत्वपूर्ण विकास माना है। यह डिजिटल संपत्ति की बढ़ती भूमिका और इसके दीर्घकालिक निवेश संभावनाओं को संकेत करता है।
बिटक्वाइन की वर्तमान स्थिति से स्पष्ट है कि यह अब केवल एक डिजिटल मुद्रा नहीं है, बल्कि एक महत्वपूर्ण निवेश साधन बन चुका है, जो सोने जैसे पारंपरिक निवेश विकल्पों को चुनौती दे रहा है। इसकी बढ़ती कीमत और बाजार पूंजीकरण भविष्य में इसे और भी स्थिरता और वृद्धि का अवसर प्रदान कर सकते हैं।
इसकी तुलना चांदी से की जाए तो बिटक्वाइन ने यह साबित किया है कि डिजिटल संपत्तियाँ पारंपरिक धातुओं से अधिक आकर्षक हो सकती हैं, विशेष रूप से तब जब वैश्विक वित्तीय माहौल में बदलाव आ रहा हो। बिटक्वाइन की बढ़ती कीमत और इसकी बाजार स्थिति आने वाले समय में इसे और मजबूत बना सकती है, जिससे निवेशकों को इस पर और भी भरोसा होगा।