बॉलीवुड की मशहूर सिंगर और अदाकारा इला अरुण ने अपने गानों को लेकर हाल ही में दिए एक बयान में साफ किया कि उनके गानों का मकसद मनोरंजन है, अश्लीलता नहीं। “मुझको राणा जी माफ करना” और “चोली के पीछे क्या है” जैसे सुपरहिट गानों से लोगों के दिलों में खास जगह बनाने वाली इला ने कहा कि उनके गानों में हल्की-फुल्की शरारत और मजाकिया छेड़छाड़ है, जो उन्हें खास बनाती है।
गानों की आत्मा है ‘छेड़छाड़’, अश्लीलता नहीं
इला अरुण ने कहा, “मेरे गाने कभी भी अभद्र नहीं होते। उनके बोल और प्रस्तुति में शरारत भरी होती है, लेकिन वह मर्यादा के भीतर रहती है।” उन्होंने आगे कहा कि इन गानों का उद्देश्य सिर्फ दर्शकों का मनोरंजन करना और मुस्कुराहट लाना है, न कि उन्हें असहज करना।
रीक्रिएशन पर तीखी प्रतिक्रिया
इला अरुण ने पुराने गानों के रीक्रिएशन के मौजूदा चलन पर भी अपनी राय दी। उनका कहना है कि रीक्रिएशन करते समय गाने की आत्मा और उसके मूल भाव का ध्यान रखना जरूरी है। उन्होंने कहा, “अगर आप गाने का सार खो देंगे, तो वह सिर्फ शोर बनकर रह जाएगा।”
‘करण अर्जुन’ की री-रिलीज पर खुशी
फिल्म “करण अर्जुन” की री-रिलीज पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इला ने कहा कि यह उनकी पीढ़ी की मेहनत और सादगी का प्रमाण है कि ऐसे गाने और फिल्में आज भी दर्शकों को आकर्षित करती हैं। उन्होंने कहा, “हमारे गाने और फिल्मों में एक सच्चाई थी, जो आज के समय में कहीं खोती जा रही है।”
कला और मनोरंजन की नई परिभाषा
इला अरुण ने बॉलीवुड के बदलते चलन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आज के गानों में लय और भावनाओं की जगह केवल ग्लैमर और शोर ने ले ली है। उनकी राय में, पुराने गानों की गहराई और सादगी को समझने और संरक्षित करने की जरूरत है।
इला अरुण का यह बयान न केवल उनकी कला और विचारधारा को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि सिनेमा और संगीत में मनोरंजन और मर्यादा के बीच संतुलन बनाए रखना कितना जरूरी है।