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कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से कंधमाल के गांव का दौरा करने का आग्रह किया

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीकांत जेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ओडिशा के कंधमाल जिले के मंडीपांका गांव का दौरा करने का आग्रह किया है, जहां हाल ही में खाद्यान्न की भारी कमी के कारण तीन आदिवासी महिलाओं की मौत हो गई। इन महिलाओं ने कथित तौर पर आम की गुठली खाकर अपना पेट भरने की कोशिश की थी। जेना ने प्रधानमंत्री से इस गांव का दौरा करने का आग्रह करते हुए इसे क्षेत्रीय लोगों की उपेक्षा और उनके संघर्षों को उजागर करने के रूप में देखा है।

श्रीकांत जेना ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हुए कहा, “मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि आप एक दिन मंडीपांका गांव का दौरा करें, ताकि आप खुद देख सकें कि आदिवासी लोग किस प्रकार पूरी तरह से उपेक्षित स्थिति में जी रहे हैं। यह दौरा उनके संघर्षों को उजागर करेगा और इन मुद्दों के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करेगा।”

जेना ने कहा कि ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल मंडीपांका गांव का दौरा करने के बाद राज्यपाल से भी मिला और उन्हें जमीनी हालात से अवगत कराया। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने राज्यपाल से भी इस गांव का दौरा करने का अनुरोध किया है, लेकिन अब तक राज्यपाल ने इस क्षेत्र का दौरा नहीं किया।

मंडीपांका गांव में हुई इस घटना ने ओडिशा सरकार और प्रशासन की खाद्य वितरण व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रीकांत जेना ने आरोप लगाया कि इस दुखद घटना का कारण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत खाद्यान्न वितरण व्यवस्था का पूरी तरह से ध्वस्त होना है। उन्होंने कहा कि अगर खाद्य आपूर्ति समय पर की गई होती, तो इन आदिवासी महिलाओं की मौत को रोका जा सकता था।

कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि क्षेत्र में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत कार्यों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण युवा वर्ग रोजगार के लिए अन्य स्थानों पर पलायन करने को मजबूर हो रहा है। इससे भी गांव में खाद्यान्न की कमी और बढ़ी है।

जेना ने कहा, “कंधमाल के जिलाधिकारी ने इस घटना के एक सप्ताह बाद प्रभावित गांव का दौरा किया, लेकिन ओडिशा के खाद्य आपूर्ति मंत्री या मुख्यमंत्री ने अब तक प्रभावित आदिवासी गांव का दौरा नहीं किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासन ने इस गंभीर मुद्दे को हल करने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।”

मंडीपांका गांव में खाद्यान्न की कमी के कारण महिलाओं की मौत की घटना ने राज्य और केंद्र सरकार दोनों से तत्काल ध्यान आकर्षित किया है। यह घटना इस बात की ओर भी इशारा करती है कि आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बहुत खराब है और वहां के लोग सरकार की नीतियों और योजनाओं से वंचित हैं। श्रीकांत जेना ने प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है, ताकि आदिवासी समुदाय की स्थिति में सुधार हो सके और उन्हें उचित खाद्यान्न आपूर्ति मिल सके।

इस दुखद घटना ने राज्य सरकार की खाद्य आपूर्ति और प्रशासनिक नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और इस पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।

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