पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने अगले साल होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए हाइब्रिड मॉडल अपनाने पर सहमति जता दी है, लेकिन इसके साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के सामने अहम शर्तें रखी हैं। आईसीसी ने हाल ही में एक वर्चुअल बैठक के दौरान पीसीबी को अल्टीमेटम दिया था कि वह या तो हाइब्रिड मॉडल पर सहमत हो जाए या टूर्नामेंट की मेजबानी छोड़ दे।
क्या है हाइब्रिड मॉडल विवाद?
2025 की चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी पाकिस्तान को मिली है। हालांकि, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद, हाइब्रिड मॉडल पर चर्चा शुरू हुई, जिसमें भारत के मैच यूएई में कराने का प्रस्ताव है।
पीसीबी की शर्तें
सूत्रों के मुताबिक, पीसीबी हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार करने के लिए तैयार है, लेकिन उसने आईसीसी से 2031 तक सभी टूर्नामेंट के लिए इसी नीति को लागू करने की मांग की है। इसका मतलब यह होगा कि पाकिस्तान अपने मैच भारत में नहीं खेलेगा। इसके अलावा, पीसीबी ने आईसीसी के वार्षिक राजस्व में अपनी हिस्सेदारी 5.75% से बढ़ाने की मांग भी की है।
एशिया कप में हो चुका है प्रयोग
इससे पहले, 2023 में एशिया कप भी हाइब्रिड मॉडल पर आयोजित किया गया था। भारत के मैच श्रीलंका में खेले गए, जबकि बाकी मुकाबले पाकिस्तान में हुए। चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भी इस मॉडल को लागू करने की संभावना पर विचार किया जा रहा है।
मोहसिन नकवी का बयान
पीसीबी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने कहा, “हमने अपना दृष्टिकोण स्पष्ट कर दिया है। प्रयास यह है कि हर पक्ष को समान सम्मान मिले। क्रिकेट को जीतना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान के गौरव के साथ।” उन्होंने आगे कहा कि उनका उद्देश्य स्थायी समाधान निकालना है ताकि भविष्य में भारत और पाकिस्तान के मैच समान शर्तों पर खेले जाएं।
भविष्य की चुनौतियां
आईसीसी के लिए पीसीबी की शर्तें मानना आसान नहीं होगा। भारत को 2025 महिला वनडे विश्व कप, 2026 पुरुष टी20 विश्व कप और 2031 वनडे विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंटों की मेजबानी करनी है। ऐसे में यह विवाद दोनों देशों के क्रिकेट संबंधों में नई चुनौतियां पेश कर सकता है।
आईसीसी की प्राथमिकता है कि चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी को लेकर जल्द ही समाधान निकाला जाए। अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि क्या पीसीबी और आईसीसी के बीच कोई स्थायी समझौता हो पाएगा।