पिंजौर पूनम देवी:भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को मंच पर जीवंत करते हुए, सेंट विवेकानंद मिलेनियम स्कूल ने उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र , पटियाला और संस्कार भारती,पंचकुला ईकाई के सहयोग से भव्य लोकनृत्य उत्सव का आयोजन किया। यह रंगारंग कार्यक्रम डॉ. बी. आर. अंबेडकर भवन, एचएमटी टाउनशिप में आयोजित हुआ।इसका मुख्य प्रयोजन आज बच्चों को उनकी संस्कृति से जोड़ना था । अपनी संस्कृति से जोड़ने के लिए नृत्य और संगीत मुख्य आधार और स्तंभ बनते हैं । बच्चे आज से पहले किताबों में अलग- अलग राज्यों के नृत्य , वेषभूषा , वाद्ययंत्रों के बारे में पढ़ते थे ,उसका वास्तविक स्वरूप उन्हे आज इस मंच से देखने को मिला है । लोक नृत्य उत्सव का यह आयोजन हमारी नयी शिक्षा प्रणाली 2020 का जीता – जागता उदाहरण था ।
श्रीमती शक्ति रानी शर्मा ,विधायक, कालका ने मुख्य अतिथि के तौर पर अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढाई व विशिष्ट अतिथि श्री नवीन अंशुमान ,उत्तर प्रदेश प्रमुख, संस्कार भारती ने अपनी गरिमामय उपस्थिति से कलाकारों व छात्रों को प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों का अभिनंदन पुष्प गुच्छ , मधुर गीत व प्राचार्य डॉ पियूष पुंज के स्वागत वक्तव्य से हुआ। कार्यक्रम में घट नृत्य हिमाचल प्रदेश, सिद्धी धमाल गुजरात, बीहू असम, पुरुलिया छाऊ नृत्य पश्चिम बंगाल व झारखंड, होज़ागिरी त्रिपुरा , बाल्टी लद्दाख और ढोलचोलम पुंगचोलम व थांगटा मणिपुर के लगभग 120 कलाकारों ने अपने-अपने क्षेत्रीय लोकनृत्यों की आकर्षक प्रस्तुतियां दीं व अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए भारतीय लोक संस्कृति के विविध रंगों को उजागर किया।पुरिलिया छाऊ नृत्य में “महिषासुर मर्दिनी” नाम की प्रस्तुति से सबको भाव विभोर कर दिया।उसमें दुर्गा मां की विभिन्न भंगिमायें, उनकी सवारी सिंह की गर्वीली चाल व उनका दर्शकों को आत्मसात करना ने सभी छात्रों में रोमांच पैदा कर दिया।
मुख्य अतिथि श्रीमती शक्तिरानी शर्मा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ये एक भव्य आयोजन है व आजकल के युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का अनूठा प्रयास है व बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आप बहुत भाग्यशाली हो जो ऐसी संस्था में पढ रहे जो आपको अपनी देश की मिट्टी से जोड़े रखता है। श्रीमान नवीन अंशुमान जी ने “अपनी संस्कृति अपनी पहचान” व “सुर ताल का संगम” जैसे भावों से इन लोक नृत्यों की भूरि भूरि प्रशंसा की व कहा कि जब हम अपने दिल की खुशी व्यक्त करते हैं तो वह उत्सव हो जाता है।हमारे लोक गीत व नृत्य इसकी पहचान है।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. पीयूष पुंज ने इस अवसर पर कहा,लोकनृत्य केवल मनोरंजन का साधन नहीं हैं, बल्कि ये हमारी परंपराओं और जड़ों को जीवंत रखने व छात्रों में संस्कृति के प्रति जागरूकता का माध्यम भी हैं। डॉ पुनीत बेदी द्वारा आभाराभिव्यक्ती में उपस्थित मुख्यातिथि व अन्य सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया । उन्होने कार्यक्रम व उनके आयोजकों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की व भारत की विविध संस्कृति को सलाम किया।
लोकनृत्य उत्सव में शामिल कलाकारों और आयोजकों की मेहनत ने इस कार्यक्रम की सबके मनों पर एक अविस्मरणीय छाप छोड़ी है। बाल्टी ग्रुप लद्दाख से आये समूह के प्रमुख मोहम्मद अब्बास ने विद्यालय के स्वागत व सेवा सुश्रुषा की सराहना की । कार्यक्रम में मुख्य अतिथी श्रीमती शक्ति रानी शर्मा व श्रीमान नवीन अंशुमान व उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के समन्वयक श्री राजेश बसी जी को विद्यालय की ओर से समृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। अन्य गणमान्य अतिथियों में डॉ पुनीत बेदी व श्रीमती ऊषा बाली विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य व कर्नल एम के बाली , श्रीमान बेदी, संस्कार भारती के विशिष्ट सदस्य श्रीमान सतीश अवस्थी,सचिव ,श्रीमान सुरेश गोयल ,अध्यक्ष ,श्रीमती अनुपम अग्रवाल सदस्य , श्रीमान सर्वप्रिय निरमोही ,विविध भारती से भी उपस्थित थे।इनके अतिरिक्त विवेकानंद मानव सेवा सोसाईटी के वरिष्ठ सदस्य श्री शेर चंद चावला जी,अध्यक्ष श्रीमान परमजीत शर्मा जी व श्रीमान हिमांशु खोसला ने भी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस कार्यक्रम में अमरावती विद्यालय ,दून पब्लिक स्कूल, सरकारी हाई स्कूल ,पिंजौर, ब्रह्मर्षि विद्या मंदिर ,विराट नगर के छात्रों और शिक्षकों ने भी इस सांस्कृतिक उत्सव का आनंद लिया।