संजय मग्गू
कल यानी सात दिसंबर को पंचकूला से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 347 जिलों के लिए सौ दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान का शुभारंभ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने किया। आजादी से पहले और आजादी के बाद भी हमारे देश में टीबी यानी क्षय रोग एक बड़ी समस्या रही है। क्षय रोग का कारण अस्वास्थ्यकर परिवेश और कुपोषण को माना जाता है। आजादी के समय हमारे देश में अनाज की बहुत ज्यादा कमी थी और हमारे देश की एक बहुत बड़ी आबादी कुपोषित थी। आज भी एक अच्छी खासी आबादी कुपोषित है। ऐसे लोग जो गंदे इलाके में रहते हैं या अस्वास्थ्यकर माहौल में काम करते हैं, टीबी के शिकार हो जाते हैं। केंद्र सरकार ने सौ दिन में पूरे देश से टीबी उन्मूलन का कार्यक्रम शुरू किया है, तो यह उम्मीद हो चली है कि जल्दी ही हमारा देश और प्रदेश क्षयरोग मुक्त हो जाएगा। सरकार ने कुछ ही दिनों पहले क्षयरोगियों को मिलने वाला पोषण भत्ता पांच सौ रुपये से बढ़ाकर एक हजार रुपये कर दिया है। टीबी उन्मूलन अभियान शुरू होने से पहले ही प्रदेश सरकार अपने प्रयास में लगी हुई थी। वैसे हरियाणा में टीबी के खात्मे का प्रयास कई दशकों से चल रहा है। सरकारी अस्पतालों में क्षय रोगियों पर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है। उनके लिए मुफ्त दवाएं तक दी जाती रही हैं। पिछले ग्यारह महीने में ही प्रदेश में आठ लाख लोगों का परीक्षण किया जा चुका है। इनमें से 81 हजार लोग टीबी रोग से ग्रस्त पाए गए थे। अब तक प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि फैक्ट्रियों, ढाबों, भवन निर्माण आदि जगहों पर काम करने वाले लोग टीबी की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। झुग्गी-झोपड़ियों और गंदे स्थानों में रहने वालों में टीबी के मरीज ज्यादा पाए गए हैं। पिछले दस साल में हरियाणा में 33 लाख संभावित मरीजों का परीक्षण किया गया जिनमें से छह लाख लोग टीबी रोग से ग्रसित पाए गए हैं। हालांकि इनमें से 5.2 लाख मरीजों को टीबी रोग से पूरी तरह मुक्त किया जा चुका है। लेकिन यह आंकड़ा प्रदेश की जनसंख्या और दस साल की अवधि को देखते हुए संतोषजनक प्रतीत नहीं होती है। प्रदेश की जनसंख्या 3.13 करोड़ के आसपास मानी जाती है। इतनी बड़ी आबादी में यदि दस साल में सिर्फ 33 लाख लोगों का ही स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, तो इसे संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है। जरूरत इस बात की है कि इसके खिलाफ बाकायदा अभियान चलाया जाए। जैसा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने पंचकूला में सौ दिन में सघन अभियान चलाने की घोषणा की है। यदि इस अभियान को गंभीरता से चलाया गया, तो निस्संदेह प्रदेश और देश से टीबी की विदाई हो जाएगी। हालांकि प्रदेश सरकार की सजगता के चलते 579 ग्राम पंचायतें पहले ही टीबी मुक्त हो चुकी हैं।
हरियाणा को क्षयरोग मुक्त बनाने के लिए सरकार ने कसी कमर
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