दिल्ली (court kejriwal:)उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर सुनवाई की तारीख 17 जनवरी 2025 तय की। ईडी के वकील ने न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू की अनुपलब्धता के कारण मामले की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया। इस पर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता के पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने “अत्यंत तात्कालिकता” का हवाला देते हुए इसका विरोध किया। चौधरी ने कहा कि ईडी को अपनी याचिका वापस ले लेनी चाहिए और निचली अदालत के आदेश के क्रियान्वयन पर लगी रोक को हटाया जाए। उन्होंने यह भी कहा, “आप मेरे सिर पर तलवार नहीं लटका सकते।”
ईडी (court kejriwal:)के वकील ने जवाब में कहा कि केजरीवाल पहले से ही उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत जमानत पर हैं। 12 जुलाई को, उच्चतम न्यायालय ने धन शोधन मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी और पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता पर तीन सवाल बड़ी पीठ को भेज दिए थे। 20 जून को, निचली अदालत ने केजरीवाल को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी, लेकिन बाद में उच्च न्यायालय ने उस पर रोक लगा दी थी।
ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने क्रमश: 21 मार्च और 26 जून को केजरीवाल को धन शोधन और भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया था। दिल्ली के उपराज्यपाल ने 2022 में आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद नीति को रद्द कर दिया गया था।