पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का खनौरी सीमा पर चल रहा आमरण अनशन बुधवार को 16वें दिन भी जारी रहा। डल्लेवाल इस अनशन के माध्यम से केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि किसानों की मुख्य मांगें, जैसे कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी, पूरी हो सकें।
किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने एक बयान में कहा कि डल्लेवाल का वजन 12 किलो से अधिक कम हो गया है और उनकी तबियत में लगातार गिरावट आ रही है। इस बीच, चिकित्सकों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है। किसान संगठनों ने डल्लेवाल के स्वास्थ्य और आंदोलन की सफलता के लिए पंजाब और हरियाणा के शंभू तथा खनौरी सीमा पर अपनी प्रार्थना जारी रखी है।
किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी में डेरा डाले हुए हैं और उनका विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ है। प्रदर्शनकारियों ने डल्लेवाल को प्रदर्शन स्थल से हटाने से अधिकारियों को रोकने के लिए उनके चारों ओर सुरक्षा घेरा बना रखा है। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने डल्लेवाल के समर्थन में लोगों से 13 दिसंबर को भाजपा नीत केंद्र सरकार का पुतला फूंकने का आह्वान किया और साथ ही रात्रि भोज न करने की अपील की है।
तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने डल्लेवाल के स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की और केंद्र से किसानों के साथ बातचीत शुरू करने की अपील की। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल पिछले दो हफ्तों से किसानों की मांगों के समर्थन में भूख हड़ताल पर हैं और उनका स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है। उन्होंने केंद्र से किसानों की जायज मांगों को मानने की अपील की और कहा कि पंजाब सरकार को इस मुद्दे पर बातचीत के लिए पहल करनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की और कहा कि बातचीत ही समाधान का रास्ता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा पंजाब के किसानों की चिंता करते रहे हैं और एमएसपी में बढ़ोतरी की घोषणा भी की है। वहीं, पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा ने केंद्र से किसानों से बातचीत करने का आग्रह किया और कहा कि सिर्फ बयानबाजी से समस्या का समाधान नहीं होगा।
इस बीच, प्रदर्शनकारी किसान अपने आंदोलन को जारी रखने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं।