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नशे को जड़ से खत्म करने के लिए हरियाणा सरकार हुई सख्त

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संजय मग्गू
हरियाणा में नशीले पदार्थों की बिक्री लगातार बढ़ती जा रही है। सैनी सरकार नशीले पदार्थों की बिक्री को रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है। नशा तस्करों का नेटवर्क तोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अपेक्षित सफलता अभी तक नहीं मिल पाई है। हरियाणा देश के उन दस राज्यों में शुमार किया जाता है, जहां हेरोइन, अफीम और चिट्टा का सेवन सबसे ज्यादा किया जाता है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में 16.21 फीसदी लोग हेरोइन, अफीम, चिट्टा, 10.67 फीसदी लोग गांजा, भांग व चरस, पांच फीसदी सेडिटेव्स यानी नींद के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं और 0.16 फीसदी लोग कोकीन का नशा करते हैं। महिलाएं भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। हालांकि उनका प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले काफी कम है। प्रदेश में  1.71 फीसदी महिलाएं भांग, गांजा, चरस, 0.31 फीसदी महिलाएं अफीम और हेरोइन, 0.2 फीसदी महिलाएं कोकीन का नशा करती हैं। करीब 0.28 फीसदी महिलाएं दवाओं को नशे के लिए इस्तेमाल करती हैं। नशीले पदार्थों का सबसे ज्यादा कारोबार उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब की सीमाओं से सटे इलाकों में होता है। इन राज्यों में सक्रिय नशा तस्कर सीमाओं से सटे इलाके युवाओं को नशा मुहैया करवाकर बरबाद कर रहे हैं। यही वजह है कि सैनी सरकार ने प्रदेश से नशे का खात्मा करने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है। नशा तस्करों पर लगाम लगाने के लिए संबंधित विभागों को हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके साथ ही साथ नशा पीड़ितों को बेहतरीन इलाज उपलब्ध कराने के लिए नशा मुक्ति केंद्रों को संचालित करने का आदेश दिया है। सैनी सरकार जिन जिलों में नशा मुक्ति केंद्र नहीं हैं, उन जिलों में जल्दी से जल्दी केंद्रों को खोलने का आदेश दिया है। जिन जिलों में किसी कारणवश बंद हो गए नशा मुक्ति केंद्रों को दोबारा शुरू करने को कहा है। सैनी सरकार ने पहले चरण में 45 नशा मुक्ति केंद्रों को खोलने का फैसला किया है। इन केंद्रों के लिए 18 डॉक्टरों की टीम तैनात की जाएगी जो नशा पीड़ितों का इलाज करेंगे और उन्हें नशे से होने वाले नुकसान के बारे में भी समझाएंगे। इन डॉक्टरों को दिल्ली एम्स में प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि यह नशा पीड़ितों की अच्छी तरह देखभाल कर सकें। नशा मुक्ति केंद्रों पर मनोचिकित्सकों की भी नियुक्ति की जाएगी ताकि नशा पीड़ितों की काउंसिलिंग की जा  सके। नशा मुक्ति के मामले में सैनी सरकार का यह कदम सराहनीय है। इसके साथ ही यह भी उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश सरकार युवाओं को नशे का आदी होने से बचाने के लिए नशा तस्करों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी।

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