हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को राज्य के विश्वविद्यालयों में अनुबंध आधार पर सेवाएं दे रहे सहायक प्राध्यापकों (असिस्टेंट प्रोफेसर) को राहत देने वाला आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने हरियाणा यूनिवर्सिटीज कांट्रेक्चुअल टीचर्स एसोसिएशन (हुकटा) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान कहा कि उन्हें चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार किसी भी सहायक प्राध्यापक को उनकी सेवानिवृत्ति तक हटाने का कोई इरादा नहीं रखती। उन्होंने यह भी बताया कि नए साल में विधानसभा में एक बिल पेश किया जाएगा, जिसके माध्यम से इन प्राध्यापकों की नौकरी को सुरक्षित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सैनी पंचकूला स्थित माता मनसा देवी गोशाला में स्वर्गीय रतनलाल कटारिया के 73वें जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित रक्तदान शिविर में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। इसी मौके पर उन्होंने यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले विधानसभा सत्र के दौरान भी उन्होंने आश्वासन दिया था कि राज्य के लगभग 1500 अनुबंधित सहायक प्राध्यापकों को कॉलेजों के एक्सटेंशन लेक्चररों की तरह सेवा सुरक्षा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, “रोजगार सुरक्षित होने तक राज्य सरकार किसी भी अनुबंधित सहायक प्राध्यापक की नौकरी नहीं जाने देगी।”
मुख्यमंत्री का यह बयान हुकटा के सदस्य और राज्य के कई अन्य सहायक प्राध्यापकों के लिए बहुत राहत देने वाला साबित हुआ। हुकटा के प्रदेशाध्यक्ष विजय मलिक ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री के आश्वासन से उम्मीदें बढ़ी हैं। उन्होंने कहा, “हमें यकीन है कि प्रदेश सरकार हमें जल्द ही सेवा सुरक्षा का यह तोहफा देगी।”
वर्तमान में राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अनुबंध पर काम कर रहे असिस्टेंट प्रोफेसरों की स्थिति असुरक्षित मानी जा रही थी, और उन्हें नियमित आधार पर नियुक्तियों का इंतजार था। मुख्यमंत्री सैनी द्वारा दिए गए इस आश्वासन से इन शिक्षकों को एक मजबूत और स्थिर भविष्य की उम्मीद मिली है। इस बिल के आने से यह उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य में शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत अनुबंधित कर्मचारियों की स्थिति में सुधार होगा।