उत्तर रेलवे के(UP robbery:) मुरादाबाद मंडल के दबतारा रेलवे स्टेशन पर डकैती की घटना के 12 साल बाद बरेली की एक अदालत ने चार लुटेरों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक अदालत) रवि कुमार दिवाकर ने दोषियों को जेल की सजा के साथ-साथ प्रत्येक पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के(UP robbery:) थानाध्यक्ष अजीत प्रताप सिंह ने बताया, “हमने अपराधियों को सजा दिलाने के लिए ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ चलाया। ठोस सुबूतों और गवाहों के आधार पर अदालत में मजबूत मामला पेश किया।” दोषी ठहराए गए लोगों में शादाब, इजहार, आशिक अली और निसार अहमद शामिल हैं।
सिंह के अनुसार, यह घटना 14 अक्टूबर 2012 की सुबह चार बजे के आसपास हुई, जब दबतारा स्टेशन मास्टर खचेडू सिंह और टोकन पोर्टर संजय स्टेशन के कंट्रोल रूम में चाय पी रहे थे। नकाबपोश लुटेरों ने दरवाजा खटखटाया, और जब संजय ने दरवाजा खोला, तो एक लुटेरे ने उस पर बंदूक तान दी। संजय ने विरोध किया और हाथापाई के दौरान एक लुटेरा नाजरिक खान को पहचाना। इसके बाद अन्य पांच लुटेरे जबरन अंदर घुस आए और अफरा-तफरी के बीच एक लुटेरे ने संजय पर गोली चला दी, जो उसके हाथ में लगी।
लुटेरों ने स्टेशन की संचार लाइन बंद कर दी, खचेडू और संजय को बांध दिया, और 57,175 रुपये नकद और स्टेशन मास्टर का निजी मोबाइल फोन लूट लिया। मुकदमे के दौरान 2016 में नाजरिक की हत्या कर दी गई थी, जबकि दूसरे आरोपी तौफीक की केस फाइल को बाद की सुनवाई के लिए अलग कर दिया गया था। बाकी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया, और चोरी की गई रकम का कुछ हिस्सा बरामद कर लिया गया।