इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) के महासचिव अभय सिंह चौटाला(Abhay-Singh:) शनिवार को सिरसा के तेजा खेड़ा फार्महाउस पहुंचे, जहां उनके पिता, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। ओपी चौटाला का शुक्रवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर 3 बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
इससे पहले, अभय चौटाला (Abhay-Singh:)ने अपने पिता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें मार्गदर्शक और किसान-मजदूर वर्ग का ‘मसीहा’ कहा। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “मेरे पिता, हमारे मार्गदर्शक, किसान-मजदूर वर्ग के मसीहा और हरियाणा के दिलों में बसे चौधरी ओम प्रकाश चौटाला जी का आज 12 बजे निधन हो गया। यह केवल हमारे परिवार के लिए नहीं बल्कि उन सभी के लिए व्यक्तिगत क्षति है जिनके लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उनका संघर्ष, उनके आदर्श और उनके विचार हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “उनका अंतिम संस्कार आज सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक तेजा खेड़ा फार्म हाउस में किया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार दोपहर 3 बजे किया जाएगा।”
इससे पहले, हरियाणा सरकार ने(Abhay-Singh:) आईएनएलडी प्रमुख के निधन के बाद आज राज्य के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया। हरियाणा सरकार के स्कूल शिक्षा निदेशालय ने एक नोटिस जारी करते हुए कहा, “हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव के 20 दिसंबर को प्राप्त फैक्स संदेश के अनुसार, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला के निधन के दृष्टिगत राज्य ने तीन दिन के शोक की घोषणा की है। हरियाणा सरकार ने दिवंगत आत्मा के सम्मान में राज्य के सभी कार्यालयों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। तदनुसार, 21 दिसंबर को राज्य के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। सभी डीईओ और डीईईओ को उपरोक्त आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।”
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आईएनएलडी नेता प्रकाश चौटाला को दूरदर्शी नेता बताया और कहा कि उन्हें राज्य की राजनीति में उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। अपनी श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, “मैं वरिष्ठ नेता चौधरी ओम प्रकाश चौटाला जी के निधन पर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। उनके निधन से हरियाणा की राजनीति का एक अध्याय समाप्त हो गया है। हरियाणा की राजनीति में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। चौटाला जी का व्यक्तित्व सादगी और संघर्ष का प्रतीक था।”