सुबह खाने के बाद व रात को सोने से पहले अवश्य करें ब्रश :डिप्टी सिविल सर्जन एवं डेंटल सर्जन डॉ रामेश्वरी
कैंसर से बचने के लिए ना करें धूम्रपान व गुटखा का सेवन :डेन्टल सर्जन डॉ हनुमंत
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तत्वावधान में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हथीन में सिविल सर्जन डॉ जय भगवान जाटान के दिशा निर्देशन व डिप्टी सिविल सर्जन डॉ रामेश्वरी के मार्ग दर्शन में दंत चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। डिप्टी सिविल सर्जन एवं डेन्टल सर्जन डॉ रामेश्वरी ने बताया कि विश्व मुख स्वास्थ्य दिवस हर वर्ष 20 मार्च को मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 का विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस का मुख्य थीम है “ए हैप्पी माउथ इज़ ए हैप्पी बॉडी’ यानि कि मुंह स्वस्थ रहेगा तो पूरा शरीर स्वस्थ रहेगा। डेंटल सर्जन डॉ हनुमंत द्वारा बच्चों के दांतों में कैविटी, कीड़ा लगना, दांतों में दर्द होना, दांतों में ठंडा गरम लगना (संवेदनशीलता महसूस होना), मुंह से दुर्गंध आना, मसूड़ों से खून आना व पायरिया आदि की जांच कर चिकित्सा की गई। शिविर में आयुष मेडिकल ऑफिसर डॉ जीशान अली की टीम द्वारा रेफर किए गए छात्र-छात्राओं के मुख,मसूड़ों व दांतों का इलाज किया गया। उन्होंने मुंह के कैंसर होने के कारण, लक्षण व बचाव के बारे में जागरूक किया।
उन्होंने बताया कि मुंह में सफेद या लाल छाला होना तथा वह दो सप्ताह तक ठीक ना होना, मुंह का कम खुलना मुंह कैंसर के लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लक्षण होने पर तुरंत दंत चिकित्सक का परामर्श लें। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ रामेश्वरी ने बताया कि बच्चों को खाना खाने के बाद दिन में दो बार सुबह व रात को सोने से पहले ब्रश करना जरूरी है। उन्होंने ब्रश करने की विधि के बारे में भी बताया। उन्होंने खाना खाने के बाद दांतों में फंसे खाने को निकालने के लिए फ्लास का इस्तेमाल करने की विधि भी बताई। उन्होंने बताया कि 28 से 36 प्रतिशत बच्चों के दूध के दांतों में कीड़े लग जाते हैं। यदि ऐसे बच्चों के दांतों का समय पर इलाज न किया जाए तो दांत खराब हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे मुंह में लगभग लाखों की संख्या में 300 प्रकार के बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो मुंह के स्वास्थ्य को खराब करते हैं। उन्होंने ने बताया कि बच्चों में 6 माह के बाद दूध के दांत निकल आते हैं और 6 वर्ष आयु तक वे पक्के दांतों में रिप्लेस होने लगते हैं तथा 13 से 14 वर्ष की आयु तक सभी दांत पक्के हो जाते हैं। डॉ जीशान अली ने बच्चों को साफ सफाई से रहने, नियमित व्यायाम व सैर करने,माता पिता व बड़ों का आदर करने के लिए प्रेरित किया।डॉ संगीता ने बच्चों को संतुलित भोजन करने, गरिष्ठ भोजन न करने, फास्ट फूड व जंक फूड न खाने की सलाह दी।इस अवसर पर डॉ हनुमंत, डॉ जीशान अली,डॉ संगीता,पवन कौशिक तथा स्कूलों से आए छात्र छात्राएं व अध्यापक मुख्य रूप से उपस्थित रहे।